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Rajasthan के वो पांच मंदिर जहां जाना खतरे से खाली नहीं, बना रहता है जान का खतरा…देखें पूरी जानकारी

Dangerous Temples In Rajasthan: रणंथभौर में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर ही राजस्थान का ऐसा मंदिर नहीं है जहां जाना जान का खतरा बन सकता है। प्रदेश में ऐसे पांच और मंदिर हैं जो घने जंगल के बीच या नजदीक स्थित हैं।

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Rajasthan Temple News: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में रणथंभौर टाइगर रिजर्व के नजदीक सात साल के बच्चे पर बाघिन के हमले के बाद दहशत का माहौल बना हुआ है। बच्चा अपनी दादी के साथ परिसर में स्थित त्रिनेत्र मंदिर में दर्शन करने के बाद लौट रहा था। इस दौरान जंगल के नजदीक घात लगाए बैठी बाघिन ने उस पर हमला कर दिया। परिवार में कोहराम मचा हुआ है। बच्चे की एक फोटो वायरल हो रही है जो कुछ देर पहले खींची गई थी। रणंथभौर में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर ही राजस्थान का ऐसा मंदिर नहीं है जहां जाना जान का खतरा बन सकता है। प्रदेश में ऐसे पांच और मंदिर हैं जो घने जंगल के बीच या नजदीक स्थित हैं।

सिरोही का माउंट आबू, अचलगढ़ महादेव मंदिर, जहां भालुओं का खतरा


सिरोही जिले के नजदीक माउंट आबू के अचलगढ़ क्षेत्र में स्थित अचलगढ़ महादेव मंदिर घने जंगलों के बीच है। खासियत, यहां कई बार तेंदुए और भालू देखे गए हैं। श्रद्धालु बताते हैं कि कई बार पूजा के दौरान भी ये जानवर दिख जाते हैं, लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। हांलाकि जंगली जानवरों के हमले का डर हमेशा बना रहता है।

कुंभलगढ़ का वाइल्ड टेम्पल, वेणेश्वर महादेव… पेंथर्स का इलाका

कुंभलगढ़ फोर्ट के पास स्थित यह शिव मंदिर जंगल के बीचोंबीच है। यह इलाका तेंदुओं के लिए मशहूर है। यहां जानवरों की मूवमेंट ट्रेल कैमरों में भी रिकॉर्ड होती रही है। हांलाकि यहां पर जानवर और इंसान में लंबी दूरी बनी रहती है, लेकिन हमले की संभावना से कभी भी इंकार नहीं किया जा सकता है।


बांसवाड़ा में मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर… जंगली सुअर और सियार का खतरा

अरावली की पहाड़ियों में बसे इस मंदिर के चारों तरफ जंगल है। यहां कई बार बंदर, सियार और जंगली सूअर पूजा के समय दिखाई देते हैं। किसी को गंभीर नुकसान पहुंचाने की खबरें कभी कभार ही सामने आती हैं। लेकिन डर बना रहता है।

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झालावाड़ में झालरापाटन का सूर्य मंदिर

यह प्राचीन मंदिर भी प्राकृतिक इलाके के पास है। यहां सियार घुमते देखे जाते हैं और कई बार हमला करने का प्रयास भी करते हैं। नीलगाय और अन्य छोड़े जंगली जानवर भी नजर आते हैं।

चित्तौड़गढ़ में काली माता मंदिर

भैंसरोड़गढ़ क्षेत्र में स्थित यह मंदिर जंगल के बीच में बना हुआ है और बेहद ही प्राचीन है। जंगल का इलाका बहुत घना है। अक्सर दिन में ही मंदिर में पूजा-पाठ की जाती है। लोग समूह में नजर आते हैं।