28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान सरकार की इस तरकीब से मिलेगी ‘सस्ती बिजली’! अब दूर होगा बिजली संकट

राजस्थान में बिजली को बैटरी में स्टोरेज करने का प्रोजेक्ट एक कदम ओर आगे बढ़ गया है।

less than 1 minute read
Google source verification
rajasthan electricity

Photo- Patrika

राजस्थान में बिजली को बैटरी में स्टोरेज करने का प्रोजेक्ट एक कदम ओर आगे बढ़ गया है। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने 1000 मेगावाट ऑवर (स्टैंड अलोन बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली) के लिए टैरिफ को मंजूरी दे दी है। टैरिफ दर 2.21 लाख से 2.24 लाख रुपए प्रति मेगावाट प्रति माह के बीच रही, जो कि देश में सबसे कम है। यह प्रोजेक्ट 12 साल के लिए होगा, जिसके लिए अनुबंधित कंपनियों को करीब 1861 करोड़ रुपए भुगतान करेंगे। इसमें 1591 करोड़ रुपए राज्य विद्युत प्रसारण निगम और बाकी 270 करोड़ रुपए केन्द्र सरकार देगी।

दावा किया जा रहा है कि बैटरी स्टोरेज से बिजली पीक ऑवर्स में काम आएगी, जिसमें एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। इससे सालाना करीब 365 करोड़ रुपए की बचत होगी। निगम के सीएमडी देवेन्द्र शृंगी के मुताबिक राज्य सरकार ने वर्ष 2028-29 तक प्रदेश में 18.5 गीगावाट ऑवर की बैटरी एनर्जी स्टोरेज क्षमता विकसित करने की योजना बनाई गई है।

बैटरी एनर्जी स्टोरेज में राजस्थान देश में हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है। विद्युत मंत्रालय प्रति मेगावाट-ऑवर 27 लाख रुपए वायबिलिटी गेप फंड देगा। इसके अलावा एनटीपीसी के जरिए भी 1 हजार मेगावाट के प्रोजेक्ट के लिए निविदा जारी की गई है। प्रदेश में करीब 2 हजार करोड़ का निवेश होगा। -हीरालाल नागर, ऊर्जा मंत्री

यह भी पढ़ें : राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम में 51 करोड़ के घोटाले की तैयारी! अब जिम्मेदारों पर चुप्पी