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Rajasthan: राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम में 51 करोड़ के घोटाले की तैयारी! अब जिम्मेदारों पर चुप्पी

निगम ने मौजूदा टेंडर निरस्त करके नया टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू की है। हालांकि, इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी संबंधित इंजीनियरों या अधिकारियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है।

राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम, पत्रिका फोटो

RVPN: राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के एक बड़े ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट में बड़ी लापरवाही सामने आई है। लोहावट-जोधपुर-पाली के बीच 220 केवी व 132 केवी क्षमता की ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का काम 105 करोड़ रुपए में हो सकता था, लेकिन अधिकारियों ने इसकी लागत 156 करोड़ रुपए आंकी और उसी आधार पर निविदा जारी कर दी।

जब टेंडर खुला तो उच्चाधिकारियों को पता चला कि जिन तकनीकी पहलुओं के आधार पर लागत आंकी गई, वह स्थिति अब है ही नहीं। दोबारा आकलन के बाद परियोजना की संशोधित लागत 105 करोड़ रुपए निकली। यानी सीधे 51 करोड़ रुपए की अनावश्यक बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही थी। प्रबंधन अब मौजूदा टेंडर निरस्त कर रहा है।

इस तरह घटी लागत

लोहावट, जोधपुर और पाली के बीच ट्रांसमिशन लाइन का सर्किट तैयार किया जाना है। इस लाइन में एक ओर अतिरिक्त सर्किट जोड़ने और महंगे कंडक्टर (तार) लगाने की योजना थी, जिनकी लागत 13.5 लाख रुपये प्रति किमी आंकी गई थी। समीक्षा के बाद योजना बदली गई और अब करीब 804 किलोमीटर (समतुल्य) लाइन बिछाई जानी है, जिसमें 4.5 से 6 लाख रुपये प्रति किलोमीटर की कम लागत वाले कंडक्टर लगाए जाएंगे।

टेंडर निरस्त करेंगे, पर जिम्मेदारों पर चुप्पी

निगम ने मौजूदा टेंडर निरस्त करके नया टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू की है। हालांकि, इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी संबंधित इंजीनियरों या अधिकारियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं, निविदा में सफल रही कंपनी ने निगम प्रबंधन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है।

इनका कहना है…

सिस्टम की जरूरत के अनुरूप प्रोजेक्ट में संशोधन किया है, जिससे लागत करीब 51 करोड़ रुपए कम हो गई है। मौजूदा टेंडर निरस्त कर नया टेंडर कर रहे हैं। गड़बड़ी नहीं हुई है।
राजेश चौधरी, मुख्य अभियंता, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम

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