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राजस्थान के गांव में पोस्टिंग होते ही गायब हो रहे डॉक्टर, सरकार रोकने में असफल

Rajasthan medical news : नौकरी से पहले गायब हो रहे कई डॉक्टर      

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जयपुर

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Deepshikha

Jun 26, 2019

doctors

राजस्थान के गांव में पोस्टिंग होते ही गायब हो रहे डॉक्टर, सरकार रोकने में असफल

विकास जैन / जयपुर. सरकारी मेडिकल कॉलेजों से सरकार के बड़े खर्चे पर पीजी करने के बाद गांवों के अस्पतालों में अनिवार्य सेवा देने के लिए राजस्थान में डॉक्टरों से 25 लाख रुपए और 50 लाख रुपए राशि के बांड भरवाए जा रहे हैं। इसके बावजूद यह कोर्स करने के बाद करीब 50 प्रतिशत डॉक्टर गांवों में जाकर सेवा देने के बजाय गायब हो रहे हैं।

ऐसे डॉक्टरों को नियुक्ति स्थान देने के बाद जब ये ज्वाइन नहीं कर रहे तो इन्हें नोटिस देकर व राजस्थान मेडिकल काउंसिल से इनका पंजीकरण रद्द करने के लिए सरकार चेतावनी तो दे रही है। लेकिन सरकार का यह कदम चेतावनी तक ही सीमित है। अब तक सरकार के अधिकारी यह बताने की स्थिति में भी नहीं हैं कि ज्वाइन नहीं करने वाले डॉक्टर से अब तक कोई वसूली की भी गई है या नहीं। इससे यह पूरा प्रावधान ही खानापूर्ति बन गया है।

चंद दिनों के लिए ज्वाइन करते फिर गायब हो जाते

प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों के दौरान ही बार-बार यह सामने आ चुका है कि पीजी करने के बाद बड़ी संख्या में डॉक्टर ज्वाइन नहीं करते और निजी प्रेक्टिस करने लगते हैं। ऐसे में गांवों को डॉक्टर मिल ही नहीं पाते। यह भी सामने आया कि नोटिस व चेतावनी के बाद आगे की कार्यवाही से बचने के लिए कुछ डॉक्टर चंद दिनों के लिए ज्वाइन करते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। वहीं अब चिकित्सा विभाग ने हाल ही पीजी करने के बाद निकाली गई 306 डॉक्टरों की ज्वाइनिंग सूची में से ज्वाइन नहीं करने वाले डॉक्टरों की सूची सभी जिलों से मांगी है।

इस तरह भरवाया जाता है बांड:

प्रदेश में इन सर्विस (सेवारत श्रेणी) के डॉक्टरों से पीजी में प्रवेश मिलने पर संबंधित डॉक्टर से पांच साल की ग्रामीण सेवा और 50 लाख रुपए राशि का बांड भरवाया जाता है। वहीं फ्रेशर उम्मीदवार से 3 साल की सेवा और 25 लाख रुपए राशि का बांड भरवाया जाता है।

पांच लाख का स्टडी बांड, हर साल निकल जाते हैं 20 से अधिक

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉ. आइडी गुप्ता के अनुसार एमडीएमएस की पढ़ाई में प्रवेश के बाद 5 लाख का स्टडी बांड भी भरवाया जाता है। कई बार विद्यार्थियों को दूसरी जगह बेहतर सीट मिलने पर वे छोड़कर चले जाते है। ऐसे में उनसे यह राशि वसूल की जाती है। हर साल ऐसे विद्यार्थियों की संख्या औसतन करीब 20 रहती है।


-306 डॉक्टरों की मांगी विभाग ने जानकारी, ज्वाइन किया या नहीं

- राजस्थान में पीजी करने वाले डॉक्टरों से सरकार भरवाती है 25 लाख से 50 लाख रुपए तक का बांड

ऐसे डॉक्टरों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। बांड की वसूली का प्रावधान है। प्रावधानों को मजबूत करने के लिए और कदम उठाए जाएंगे।

- डॉ. केके शर्मा, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित, चिकित्सा विभाग