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विधान सभा में अपनों के तीखे सवालों से पस्त राजस्थान सरकार आज घिर सकती है इन सवालों से

विधान सभा में गूंजेगा छात्रावासों में घटिया सामग्री की आपूर्ती का मामला जलदाय विभाग की अनुदान मांगों पर आज होगी चर्चा  

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rajasthan Govt to surround by many public issues in assembly today

rajasthan Govt to surround by many public issues in assembly today

जयपुर। विधान सभा में विपक्ष के तीखे सवालों के साथ ही अपनों के तीखे सवालों से सरकार पस्त हो रही है। सत्ता पक्ष को जितना विपक्ष घेर रहा है उतना ही सत्ता पक्ष के विधायक घेर रहे हैं। आज विधान सभा में अलवर के रामगढ विधायक ज्ञानदेव आहूजा सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की ओर से प्रदेश में संचालित छात्रावासों में घटिया सामग्री की आपूर्ती पर आज ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत सरकार को घेर सकते है। वहीं आज विधायी कार्य के तहत जलदाय विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा होगी और वित्तीय वर्ष 2018—19 के लिए बजट पारित किया जाएगा। साथ ही आज राजकीय उपक्रम समिति के सभापति मोहन लाल गुप्ता राजस्थान पर्यटन विकास निगम, राजस्थान गंगानगर शुगर मिल, राजस्थान औद्योगिक विकास निगम, राजस्थान राज्य भंडार निगम, राजस्थान विद्युत उत्पादन व प्रशासन, जोधपुरअजमेर विद्युत वितरण निगम समेत एक दर्जन से ज्यादा सार्वजनिक उपक्रमों के वार्षिक प्रतिवेदनों का उपस्थापन करेंगे। परिवहन मंत्री युनुस खान राजस्थान राज्य सडक परिवहन निगम का वार्षिक प्रतिवेदन भी सदन में रखेंगे। इसके साथ ही किसानगढ अजमेर विधायक भागीरथ चौधरी किशनगढ उपखंड मुख्यालय पर खेल सुविधाएं बढाने के लिए याचिका का उपास्थापन करेंगे।

वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और पौधारोपण के फर्जी आंकडे का मसला भी गूंजा


राजस्थान विधानसभा में वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और पौधारोपण के फर्जी आंकडे पेश करने पर भाजपा के सदस्यों ने ही सरकार को जमकर घेरा। विधानसभा में प्रश्नकाल में भाजपा की विधायक अलका सिंह ने दौसा जिले में वन विभाग द्वारा पौधारोपण के आंकडों को गलत बताया।

बीजेपी विधायक ने कहा कि क्षेत्र में आधे से ज्यादा क्षेत्र में रोपे गये पोैधे जीवित नहीं है और क्षेत्र में रोपित किये गये पौधों में से 20 से 30 प्रतिशत ही जीवित बचे हुये है। उन्होंने कहा कि कई बार वन अधिकारी सत्य को छुपाने के लिये वनों में आग लगा देते है।

वनमंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि वन विभाग द्वारा वर्ष 2014 से 2018 तक 3650 हैक्टर क्षेत्र में पौधारोपण किया गया। इन पर 474 लाख रूपये खर्च कर कूल 11 लाख 38 हजार पौधे लगाये गये।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वन विभाग की ओर से गत चार सालों में लगाये गये पौधों का सत्यापन भी कराया गया है। जिनमें से 5 से 80 प्रतिशत और कई स्थानों पर 90 प्रतिशत तक पौधे जीवित पाये गये है।

उन्होंने स्वीकार किया कि कई बार मानसून की स्थिति भी पौधे के जीवित रहने में परेशानी खडी करती है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पशुधन के कारण भी वन क्षेत्रों को नुकसान पहुंचता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पौधरोपण के लिये नाबार्ड, जायका और कैम्पा की तीन योजनाएं संचालित की जा रही है। इसके तहत कैम्पा योजना के तहत वन क्षेत्रों में दीवार बनाने एवं अन्य कार्य किये जाते है, जबकि जापान के सहयोग से चलायी जा रही जायका और नाबार्ड के तहत पौधारोपण किया जाता है।

भाजपा की अलका सिंह ने वन अधिकारियों द्वारा सत्यापन के झूठे आंकडे पेश करने की चर्चा करते हुये कहा कि इसके सत्यापन के लिये फूल प्रुफ तकनीक विकसित की जाये।

खींवसर ने कहा कि वन विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिये इस वर्ष 2500 नयी नियुक्तियां की जायेगी। भाजपा के फूल सिंह मीणा ने भी पौधारोपण के सत्यापन के लिये जीओ ट्रेकिंग की व्यवस्था की मांग की।