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राजस्थान में बिना परमिशन बोरिंग की तो होगी जेल, विधानसभा में आज पारित होगा भू-जल प्राधिकरण विधेयक, जानें क्यों खास है ये बिल?

Rajasthan Ground Water Authority Bill: राजस्थान में अब पानी की हर बूंद कीमती होगी। राजस्थान भू-जल प्राधिकरण विधेयक आज विधानसभा में पारित होगा। जानें क्यों है खास?

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Rajasthan-Assembly

जयपुर। राजस्थान में अब पानी की हर बूंद कीमती होगी। भू-जल संकट से निपटने के लिए प्रवर समिति की सिफारिश पर तैयार राजस्थान भू-जल (संरक्षण और प्रबंधन) प्राधिकरण विधेयक बुधवार को विधानसभा से पारित होगा। इसमें बिना अनुमति बोरिंग पर 6 माह तक जेल और 50 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना होगा।

यह विधेयक राज्य में तेजी से गिरते भू-जल स्तर को रोकने और पानी के न्यायसंगत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। सरकार अब भू-जल की निकासी और उपयोग सीधा नियंत्रण (राशनिंग) करेगी और पुनर्भरण के लिए कार्य करेगी। यह जिम्मेदारी राज्य स्तरीय प्राधिकरण को सौंपी जाएगी, जो नौकरशाह या भू-जल के मुख्य अभियंता के स्तर के अधिकारी के अधीन होगा। इसमें 2 विधायक व 2 भू-जल विशेषज्ञ शामिल होंगे।

216 ब्लॉक में पानी पहुंचा पाताल में

राजस्थान पानी की कमी वाला राज्य है और संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। वर्ष 2023 में किए गए अध्ययन के अनुसार 216 ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में हैं। यह भी कहा जा सकता है कि पानी पाताल में पहुंच गया है।

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पानी की बर्बादी पर होगी सख्ती

विधेयक के अनुसार बिना अनुमति बोरवेल या ट्यूबवेल खोदने पर जुर्माना और जेल का प्रावधान है। वहीं भू-जल के अत्यधिक दोहन या पानी की बर्बादी करने वालों पर सख्ती होगी।

उठ रहे हैं सवाल

-स्थानीय निवासियों को पीने के पानी के लिए बोरिंग या कुआं खोदना मुश्किल हो जाएगा।
-पीने के लिए भू-जल निकासी पर भी भारी शुल्क देना पड़ेगा।
-कानून की पालना में विधायक-सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का दखल कैसे रुक पाएगा।

विधेयक की खास बातें

बनेगा प्राधिकरण: प्राधिकरण सरकारी निकाय के रूप में भू-जल प्रबंधन और नियंत्रण का जिम्मा संभालेगा।
जिला समिति: हर जिले में एक समिति होगी, जो जिले में भूजल संरक्षण व प्रबंधन के लिए प्लान बनाएगी
भू-जल की कीमत: सिंचाई को छोड़कर हर क्षेत्र में पानी के उपयोग के लिए शुल्क लगेगा।
भू-जल पर सख्त नियंत्रण: जरूरत से ज्यादा पानी निकालने पर सख्ती दिखाई जाएगी, जिसके लिए सरकार नियम बनाएगी।
भू-जल पुनर्भरण: रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया जाएगा। शहरों में बड़े निर्माण की अनुमति के लिए पहले से ही रेनवॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाना अनिवार्य है।


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अब पानी के लिए चुकानी होगी कीमत

राज्य सरकार भू-जल के उपयोग पर शुल्क वसूलने की योजना बना रही है। होटल, फैक्ट्री और वॉटर सप्लाई कंपनियों सहित सभी को अब पानी के लिए निर्धारित दरों का भुगतान करना होगा। इसमें सिंचाई के पानी को छूट रहेगी।

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