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राजस्थान सरकार को बड़ी राहत! 50.28 करोड़ रुपए और ब्याज से मिली मुक्ति, हाईकोर्ट ने रद्द किया ये आदेश

Rajasthan News: हाईकोर्ट ने सड़क निर्माण से संबंधित विवाद में कंपनी को 50.28 करोड़ रुपए और ब्याज का भुगतान करने के आर्बिट्रेटर के आदेश को रद्द कर दिया।

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राजस्थान हाईकोर्ट और सीएम भजनलाल। पत्रिका फाइल फोटो

जयपुर। हाईकोर्ट ने सड़क निर्माण से संबंधित विवाद में कंपनी को 50.28 करोड़ रुपए और ब्याज का भुगतान करने के आर्बिट्रेटर के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को राहत दी, वहीं जनवरी 2012 तक वसूली गई टोल राशि पर कंपनी का अधिकार माना। न्यायाधीश अवनीष झिंगन और न्यायाधीश भुवन गोयल की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील पर यह आदेश दिया।

अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप तनेजा ने कोर्ट को बताया कि बीओटी आधार पर पाली बाइपास, जोधपुर-सुमेरपुर रोड निर्माण का कार्य साल 2003 में सांवरिया इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया। उसे 18 माह में सड़क बनानी थी और 52 माह टोल राशि वसूल करनी थी।

कंपनी ने रोड बनाकर 3 मई 2006 से टोल वसूली शुरू कर दी। इसकी समय सीमा को लेकर विवाद होने पर मामला आब्रिट्रेटर तक पहुंचा। आब्रिट्रेटर ने वर्ष 2019 में कंपनी के वर्ष 2012 तक टोल वसूलने को सही माना। साथ ही, रेलवे लाइन बंद नहीं होने के कारण हुए नुकसान के लिए बतौर क्षतिपूर्ति राज्य सरकार से 50.28 करोड़ दिलाए।

भुगतान में देरी होने पर 12 फीसदी ब्याज भी दिलाया। इसे राज्य सरकार ने वाणिज्यिक न्यायालय में चुनौती दी और राहत नहीं होने पर हाईकोर्ट में अपील दायर की। अपील में कहा कि करार में रेलवे लाइन बंद करने की शर्त नहीं थी। कोर्ट ने आब्रिट्रेटर का आदेश रद्द कर राज्य सरकार को राहत दी।