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बहुमंजिला इमारत पर हाईकोर्ट के आदेश से यूडीएच से जीएडी तक मची खलबली, मल्टीस्टोरी का मांगा प्लान

Rajasthan News : बहुमंजिला इमारत पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार में खलबली मची है। यूडीएच ने जीएडी से मल्टीस्टोरी का प्लान मांगा है। साथ ही एएजी से राय मांगी। जानें पूरा मामला।

Rajasthan High Court order on multi-storey building created panic from UDH to GAD sought plan for multi storey
बहुमंजिला इमारत पर आए आदेश के बाद मची खलबली

Rajasthan News : बहुमंजिला इमारतों के निर्माण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद से सरकार में खलबली मची हुई है। नगरीय विकास विभाग ने इस मामले में कोर्ट की अगली तारीख से पहले होमवर्क पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग कानूनविदों से राय ले रहा है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद बहुमंजिला इमारतों को लेकर किस दिशा में आगे बढ़ा जाए, वहीं सामान्य प्रशासन विभाग से जयपुर में गांधीनगर स्थित ओल्ड एमआरईसी कैम्पस में प्रस्तावित मल्टोस्टोरी का प्लान तत्काल मांगा है। नगरीय विकास विभाग ने इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता से विस्तृत टिप्पणी मांगी है, वहीं विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत ने जेडीए से भी बहुमंजिला इमारतों के मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।

बैठक में मल्टीस्टोरी के लिए अलग जोन पर होगा मंथन

इस मामले को लेकर जल्द ही नगरीय विकास विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग और जयपुर विकास प्राधिकरण की बैठक बुलाने की तैयारी है, जिसमें मास्टर प्लान को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के 2017 के आदेश की पालना को लेकर चर्चा होगी। इसमें विशेष तौर पर मल्टीस्टोरी के लिए अलग जोन तय करने को लेकर मंथन किया जाएगा।

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बिना निर्माण स्वीकृति ही आगे बढ़ा जीएडी

जेडीए ने यूडीएच को बताया है कि जीएडी ने गांधीनगर में टावरों पर मौखिक चर्चा की थी, अभी तक निर्माण की स्वीकृति के लिए प्रक्रिया शुरू नही की है। उधर, ओल्ड एमआरईसी कैम्पस में रहने वालों को नोटिस मिल चुके हैं। बताया जाता है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर जीएडी हाईकोर्ट में कैविएट तक दायर कर चुका। ऐसे में जेडीए जनहित को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट के आदेश की पालना में जोन तय करने की प्रक्रिया क्यों नहीं शुरू कर रहा?

कई निकायों ने होल्ड पर रखे आवेदन

प्रदेश के कई नगरीय निकायों ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिल्डिंग प्लान स्वीकृति के प्रकरणों को फिलहाल होल्ड पर रख दिया है। हाईकोर्ट के आदेश को लेकर विधि विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। कई निकायों ने मार्गदर्शन के लिए सरकार से भी सम्पर्क किया है। शहरों में मास्टर प्लान व मल्टीस्टोरी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के 12 जनवरी 2017 के आदेश बाद अधिकारियों ने कागजों में खुद को बचाने का प्रयास किया और जमीन पर अवहेलना करते गए।

अतिरिक्त महाधिवक्ता से मांगा मार्गदर्शन - टी. रविकांत

प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास विभाग टी. रविकांत ने बताया हाईकोर्ट के आदेश पर अतिरिक्त महाधिवक्ता से मार्गदर्शन चाहा है। आदेश में जिस ओल्ड एमआरआईसी की जमीन पर मल्टीस्टोरी का जिक्र है, उस संबंध में जीएडी से भी जानकारी मांगी गई है।

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