5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सियासत…लोक अदालत में 24.75 लाख मामलों का निस्तारण, अदालतों में 3.17 लाख मुकदमे घटे

Rajasthan High Court : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित वर्ष 2024 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेशभर में शनिवार को 24.75 लाख प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इससे विभिन्न अदालतों में लंबित मुकदमों में 3.17 लाख की कमी आई।

less than 1 minute read
Google source verification
rajasthan_high_court.jpg

Jaipur News : राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनवाई के लिए राजस्थान हाइकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में कुल 499 बेंच गठित की गईं। इन बैंचों के माध्यम से प्रदेश में 24,75,175 प्रकरणों का निस्तारण किया गया और 11 अरब 99 करोड़ 62 लाख 12 हजार 682 रुपए के अवाॅर्ड पारित किए गए। इससे पहले शनिवार सुबह राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायाधीश पंकज भंडारी ने राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ में लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया।

इस मौके पर न्यायाधीश भंडारी ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से विवादों का अंतिम निस्तारण होता है, जिससे अपील नहीं होती। प्री लिटिगेशन के जरिए पीडित व्यक्ति मुकदमा दायर करने से पहले भी राहत प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने लोक अदालत में निस्तारित प्रकरणों का आंकड़ा बहुत अधिक होने को लेकर कहा कि इनमें राजस्व प्रकरणों की बहुत बड़ी संख्या होती है।

राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने कहा कि लोक अदालत में संबंधित प्रकरण के वकील को मानदेय नहीं मिलता, जिससे इन अदालतों में वकीलों की भूमिका कम रहती है। विधिक सेवा प्राधिकरण के पास करोड़ों रुपए का बजट होता है। यदि लोक अदालत में वकीलों को मानदेय दें तो लंबित मुकदमों की संख्या और बढ़ सकती है।

यह भी पढ़ें : बाल सुधार गृह से लॉरेंस बिश्नोई के शूटर के साथ भागे नाबालिग को पुलिस ने पकड़ा


पिछले साल चार बार आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालतों में कुल एक करोड़ 65 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिनमें से ज्यादातर ऐसे थे जो अदालतों तक पहुंचे ही नहीं और प्री लिटिगेशन के अंतर्गत लोक अदालत में आए। उधर, प्रदेश में हाई कोर्ट सहित प्रदेश की विभिन्न अधीनस्थ अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या करीब तीस लाख है।