scriptहाईकोर्ट ने मांगा जवाब, सांभर में कैसे गई हजारों जान | Rajasthan High Court takes process on 4500 birds died in sambhar lake | Patrika News

हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, सांभर में कैसे गई हजारों जान

locationजयपुरPublished: Nov 13, 2019 07:19:47 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

राजस्थान हाईकोर्ट ने लिया स्वप्रेरित प्रसंज्ञान

कमलेश अग्रवाल / जयपुर. सांभर झील और भराव क्षेत्र से अब तक करीबन 4500 पक्षियों की मौत हो चुकी है। लगभग 26 विदेशी प्रजातियों के पक्षी मरे हुए मिले हैं। लेकिन वन विभाग अभी तक यह पता नहीं लगा पाया है कि आखिर क्या कारण है। साथ ही विभाग को तो यह भी पता नहीं है कि आखिर सांभर झील में कितनी प्रजाति के पक्षी आते हैं। राज्य की सबसे बड़ी झील में मृत पक्षियों की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है। अनुमानित झील में करीब 10 हजार पक्षियों की मौत हुई है।
अब राजस्थान हाईकोर्ट ने इस पर प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य सरकार, वन एवं पर्यावरण व सांभर साल्ट लिमिटेड से जवाब मांगा है। कोर्ट ने प्रसंज्ञान आदेश की प्रति एएजी को देकर इस संबंध में सारी जानकारी मांगी है। राजस्थान पत्रिका ने भी विदेशी पक्षियों की मौत की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था किस तरह विदेशी पक्षी लगातार मर रहे हैं और अधिकारी केवल एकत्र कर दफनाने में जुटे हैं और वन एवं पशु पालन विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालने में जुटे हुए हैं।
सांभर झील में चारों ओर मरे हुए पक्षी ही पक्षी दिखाई दे रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में सांभर साल्ट व सांभर नगरपालिका के कर्मचारी मृत पक्षियों को एकत्र कर दफनाने में जुटे हुए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार अनुमानित झील में करीब 10 हजार पक्षियों की मौत हुई है। जबकि शुरूआत में विभाग ने यहां एक से डेढ हजार के बीच पक्षियों के मरने का अनुमान लगाया था जबकि तीन दिनों में करीबन 4500 से अधिक मृत पक्षियों दफनाया जा चुका है। जो कि करीब एक किलोमीटर के दायरे में मिले हैं।
जिन पक्षियों की मौत हो रही वे यूरोप, चाइना व साइबेरिया से यहां आते हैं। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहान्ती और न्यायाधीश महेंद्र गोयल की बेंच ने मामले पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है और एएजी गणेश परिहार को इस प्रति देकर पक्षियों की मौत पर जवाब मांगा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो