
Rajasthan HSRP: राजस्थान में परिवहन विभाग की ओर से वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया पर फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। करीब 25 दिन पहले उपमुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने एचएसआरपी प्रक्रिया को पांच दिन में बंद करने के आदेश दिए थे। इतना ही नहीं, उपमुख्यमंत्री ने सियाम पोर्टल पर नंबर प्लेट के लिए ली जा रही राशि पर भी सवाल खड़े किए थे। आरोप लगाया था कि जनता से अधिक राशि वसूली जा रही है।
उपमुख्यमंत्री के आदेश के 25 दिन बाद भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट प्रक्रिया को बंद नहीं किया गया है। सियाम पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया जारी है। परिवहन विभाग की ओर से न तो नंबर प्लेट जारी करने वाली कंपनी पर कार्रवाई की गई है, न ही नंबर प्लेट के लिए विभाग स्तर पर पोर्टल बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। पूरे घटनाक्रम के बाद वाहन चालकों ने नंबर प्लेट के लिए आवेदन करना बंद कर दिया। विभाग की तरफ से इस मामले में अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मंत्री ने पत्र में कहा कि सियाम पोर्टल के जरिये वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाई जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत कई महीनों आगे के स्लॉट बुक किए जा रहे हैं और अधिक राशि की वसूली की जा रही है। इससे आमजन को परेशानी हो रही है। मंत्री ने विभाग स्तर पर अपनी अलग प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे।
परिवहन विभाग ने दिसंबर 2023 से वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। 10 अगस्त तक आवेदन किए गए। करीब 15 लाख वाहन मालिकों ने नम्बर प्लेट के लिए करीब 50 करोड़ रुपए जमा करा दिए। करीब चार लाख वाहनों में नंबर प्लेट लगाई गई। करीब 25 लाख वाहनों में एचएसआरपी लगनी है। उपमुख्यमंत्री ने 5 दिन के बाद वाहन मालिकों को बुकिंग के पैसे वापस करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक वाहन चालकों के पैसे रिफंड करने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की बल्कि आवेदन प्रक्रिया भी जारी है।
विभाग ने 8 महीने तक चालान का भय दिखाकर नंबर प्लेट के लिए आवेदन तो करा लिए लेकिन उपमुख्यमंत्री की ओर से प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए जाने के बाद चुप्पी साध ली। ऐसे में वाहन चालक असमंजस में हैं। सवाल है कि क्या वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट सियाम पोर्टल के जरिये लगवानी है या नहीं।
डिप्टी सीएम के आदेशों की पालना क्यों नहीं हो रही है, वे ही बताएं। उन्होंने जनता को वसूली से बचाने का वादा तो कर लिया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। ऐसे में प्रश्न चिन्ह लग गया है। मुख्यमंत्री इस मामले में दखल देकर जनता को न्याय दिलाएं। 50 करोड़ जो निजी फर्मों के पास जमा है, उन्हें वापस दिलवाएं। -प्रताप सिंह खाचरियावास, पूर्व परिवहन मंत्री
अगर नंबर प्लेट की प्रक्रिया शुरू है तो विभाग को स्पष्ट करना चाहिए। लोगों में भ्रम है कि प्रकिया बंद है। इसके अलावा अगर विभाग स्तर पर पोर्टल बनाना है तो उसकी प्रक्रिया जल्दी शुरू करनी चाहिए। -हंस कुमार शर्मा, पूर्व अपर आयुक्त, परिवहन विभाग
Updated on:
26 Sept 2024 08:00 am
Published on:
26 Sept 2024 07:55 am
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