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नवाचारों का गढ़ बन रहा राजस्थान, उड़ान भर रहे युवाओं के आइडिया

रूरल स्टार्टअप शुरू करने वाला राजस्थान, तेलंगाना के बाद दूसरा राज्य

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नवाचारों का गढ़ बन रहा राजस्थान, उड़ान भर रहे युवाओं के आइडिया

नवाचारों का गढ़ बन रहा राजस्थान, उड़ान भर रहे युवाओं के आइडिया

जयपुर। राजस्थान के युवाओं के इनोवेटिव आइडिया स्टार्टअप्स की शक्ल में उड़ान भर रहे हैं। एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों स्टार्टअप्स न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी धाक जमा रहे हैं। इतना ही नहीं, ये स्टार्टअप्स आइटी सेक्टर के साथ-साथ चिकित्सा व शिक्षा जैसे पब्लिक सेक्टर्स में भी लोगों का जीवन आसान कर रहे हैं। यहीं कारण है कि कुछ वर्षों में ही प्रदेश स्टार्टअप्ïस आइडिया में दसवें से चौथे पायदान पर पहुंंच गया है। जर्मनी, यूएस, ऑस्ट्रिया सरकार ने राजस्थान में स्टार्टअप्स पर काम कर रहे युवाओं को अपने यहां भेजने का न्योता दिया है।

राजस्थान में अब तक 2449 स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हुए हैं। इनमें से 184 स्टार्टअप्स से जुड़े लोगों को 4.75 करोड़ रुपए की फंडिंग और 185 स्टार्टअप्स को लोन के रूप में 16.14 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं, ताकि वे तेजी से आगे बढ़ सकें। अब ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। रूरल स्टार्टअप शुरू करने वाला राजस्थान, तेलंगाना के बाद दूसरा राज्य है। अब जरुरत है ग्रामीण युवाओं को आगे आने की, ताकि वे भी इस कड़ी में जुड़कर स्वरोजगार शुरू कर सकें। इसके लिए जयपुर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा, बीकानेर और चुरू में टेक्नोहब और आईस्टार्ट सेंटर खोले गए हैं। सूचना प्रोद्योगिकी एवं संचार विभाग ने अब एमएनआइटी, आइआइआइटी जोधपुर, एम्स, बिट्स पिलानी से एमओयू किया है।

अन्तरराष्ट्रीय पहचान के लिए चैलेंज, एक करोड़ रुपए तक सहयोग
-राज्य में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने और राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पहचान के लिए मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। विशेषज्ञ कंपनियों के बीच समन्वय का काम कर रहे हैं।
-चैलेंस फॉर चेंज कार्यकम के अंतर्गत चयनित स्टार्टअप्स को १ करोड़ रुपए तक का पुरस्कार, संसाधन व उपकरण की खरीद के लिए।

जुडऩे, सीखने, फंडिंग के 3 चरण...

1. इस तरह से जुड़ सकते हैं
जयपुर में टैक्नोहब और अन्य शहरों में आइस्टार्ट सेंटर में युवा बिजनेस आइडिया के साथ आइ स्टार्ट नेक्स्ट की वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन की स्वीकृति के लिए सबसे पहले स्टार्टअप आइडिया देखा जाता है। निर्धारित चैकलिस्ट पर खरा उतरने पर स्टार्टअप को वहां जगह मिल जाती है। किसी भी उम्र या सेक्टर से जुड़ा व्यक्तिइसमें जुड़ सकता है। बेहतर और अलग आइडिया होने पर सरकार फंडिंग कर रही है।
2. सीखने के लिए प्रशिक्षक
युवाओं का मार्गदर्शन करने व सहयोग देने के लिए उद्यमिता से जुड़े कई लेक्चर कराए जा रहे हैं। अभी 50 सेक्टर में स्टार्टअप्स पर काम चल रहा है। इनमें एग्रीकल्चर, एजुकेशन, हेल्थकेयर, आइटी, फाइनेंस, ट्रेवल-टूरिज्म, फूड संबंधी स्टार्टटप मुख्य हैं। विज्ञापन, मार्केटिंग, एयरोनॉटिक्स, एनीमेशन, ऑटोमोबाइल, खेल, सोशल, टेलीकम्यूनिकेशन, ट्रांसपोर्ट, केमिकल, कंस्ट्रक्शन, मेट्रोमोनियल, पैट्स एंड एनिमल व अन्य से भी युवा जुड़े हैं।
3. फिर फंडिंग
स्टार्टअप्स को सरकार की ओर से ग्रांट और लोन दिया जा रहा है। ऐसे स्टार्टअप के चयन के लिए थर्ड पार्टी है। ऐसे चयनित स्टार्टअप को तीन अलग5अलग श्रेणी में रखा गया है, जिसमें गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज शामिल है। इसी आधार पर फंडिंग ग्रांट तय होती है। दो से 25 लाख रुपए तक की ग्रांट मिलती है। नीति के तहत सीड फंड के तहत 2 लाख रुपए तक, पायलट असिस्टेंस के लिए 10 लाख रुपए तक और टेक्नो फंड के तहत 25 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जा रही है।

आपके कलिए आइस्टार्टअप सेंटर और सीट
जयपुर- 295
उदयपुर- 60
भरतपुर- 54
कोटा- 100
बीकानेर- 20
चुरू- 20

यहां भी शुरू कर रहे : जोधपुर, पाली, अजमेर

यह है उपलब्धि
-2019 की स्टार्टअप रैंकिंग जारी की गई, जिसमें राजस्थान को उच्च स्तरीय राज्य की रैकिंग प्रदान की गई थी।
-2018 की राज्य स्टार्टअप रैंकिंग में राजस्थान को टॉप परफार्मर चुना गया, यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि।
-2018 में सीएसआइ निहिलेंट ई-गवर्नेंस अवॉर्ड 2018 से राजस्थान को नवाजा गया।
-2018 में ही राज्य को बिजनेस वल्र्ड डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2018 प्राप्त हुआ।