scriptVIDEO: SMS अस्पताल में देर रात आग से लगने से मचा रहा हड़कंप, मरीजों को लेकर बाहर दौड़े परिजन | Rajasthan Jaipur SMS Hospital fire, patients ran away with relatives | Patrika News

VIDEO: SMS अस्पताल में देर रात आग से लगने से मचा रहा हड़कंप, मरीजों को लेकर बाहर दौड़े परिजन

locationजयपुरPublished: Oct 18, 2018 08:18:55 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

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sms hospital fire
जयपुर।

एसएमएस अस्पताल के रिहेबिलिटेशन रिसर्च सेंटर (आरआरसी) की दूसरी मंजिल में बुधवार रात आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। वार्ड में धुआं भर गया, वहां भर्ती मरीजों का दम घुटने लगा। हड़बड़ी के बीच परिजन मरीजों को वार्ड से बाहर ले आए। देर रात अस्पताल प्रशासन ने सभी मरीजों को तीसरी मंजिल पर बने पीपी 2 और हाइडिपेंडेंस यूनिट में शिफ्ट कर दिया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार आग रात 9 बजे आरआरसी बिल्डिंग के पेराप्लीजिया महिला वार्ड में स्टोर रूम में लगी। स्टोर रूम में चद्दर, रजिस्टर, बैडशीट और वार्ड का अन्य सामान रखा था। वार्ड में तब 9 मरीज और परिजन मौजूद थे। वार्ड में ज्यादातर मरीज स्पाइन इंजरी के भर्ती थे। आग लगी तब स्टोर का गेट बंद था।
अचानक स्टोर से आग की लपटें उठती देख लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। इस पर पुलिस और घटगेट से दमकल मौके पर पहुंची और आग बुझाई। उधर अस्पताल प्रशासन का दावा है कि वार्ड में मौजूद फायर फाइटिंग सिस्टम के जरिए समय रहते आग पर तुरंत काबू पा लिया गया था। उधर परिजनों का आरोप है कि आग लगी तब नर्सिंग स्टाफ ने सूचना नहीं दी, उलटे वार्ड से बाहर निकल गईं।
प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी
1. अचानक अंधेरा हुआ, फिर चहुंओर धुआं ही धुआं
– खेड़ला निवासी शकुंतला देवी : मेरी परिजन माया वार्ड में भर्ती थी। अचानक से अंधेरा हो गया। थोड़ी देर में पूरे वार्ड में धुआं ही धुआं फैल गया। हम सब घबरा गए। मैंने माया के सिर पर बंधी रस्सी को बड़ी मुश्किल से काटा और गोद में उठाकर नीचे ले गई।

2. मम्मी को उठाया और बाहर आ गई
– कशिश : दसवीं कक्षा में पढऩे वाली कशिश ने बताया, मेरी मम्मी प्रेमदेवी वार्ड में भर्ती थी। मैं उनके साथ अकेली थी। मम्मी के पैरों में दिक्कत है। हिल-ढुल नहीं सकतीं। स्टोर में आग लगते ही धुएं से हम सब घबरा गए। अचानक अंधेरा हो गया। मैंने देर नहीं की। मम्मी को बड़ी मुश्किल से उठाया और बाहर आ गई।

3. देर हो जाती तो न जाने क्या होता
– हर्षित : जयलाल मुंशी का रास्ता निवासी हर्षित ने बताया, वार्ड में मेरी बहन आशा भर्ती थी। आग लगी तब मैं घर गया हुआ था। भांजी सोनू ने फोन किया तो तुरंत हॉस्पिटल पहुंचा। आशा को स्ट्रेचर पर नीचे लाया। थोड़ी सी भी देर हो जाती तो बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती थी।


वार्ड में लगे अग्निशामक उपकरण के जरिए आग पर कुछ ही देर में काबू पा लिया गया था। एहतियात के तौर पर मरीजों को कुछ देर के लिए शिफ्ट किया गया। अब स्थिति सामान्य है।
– डॉ. मृणाल जोशी, विभागाध्यक्ष, आरआरसी
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