राज्य सरकार का मानना है कि सूचना का अधिकार अधिनियम ( Right To Information Act ) की मूल भावना को आगे बढ़ाते हुए सूचनाओं का स्वतः प्रवाह सुनिश्चित हो, इसके लिए इस तरह के पोर्टल को तैयार करवाया गया है। इससे अब आमजन को सूचना प्राप्त करने के लिये इस अधिनियम का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। इस पोर्टल के माध्यम से शुरूआत में 13 विभागों की 23 विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी अब एक ही क्लिक पर मिल सकेगी। धीरे-धीरे अन्य विभागों की योजनाओं को भी इससे जोड़ा जाएगा।
इस जन सूचना के मंच तक वास्तविक रूप में आमजन की पहुंच बनाने तथा अधिक से अधिक सरकारी विभागों की सेवाओं तक आमजन की पहुंच बनाने के लिये जन सूचना पोर्टल-2019 विकसित किया गया है। दावा किया जा रहा है कि इस वेब पोर्टल की शुरूआत होने से सरकार के कार्यों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी। वहीं नागरिकों को एक ही जगह पर पुख्ता सूचनाएं अपने आप उपलब्ध होगी। यह प्रयास जन-कल्याण अधारित विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ राज्य के नागरिकों को सशक्त बनाएगा।
यह कदम राजस्थान सामाजिक जवाबदेही विधेयक, 2019 के तहत विभागों द्वारा सार्वजनिक रूप से सूचनाओं को पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराने की भावना को प्रबल करेगा। राजस्थान राजकीय कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से आमजन को सेवायें प्रदान करने में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
पोर्टल सूचना के अधिकार अधिनियम की मूल भावना आधारित
इस पोर्टल के अलावा नागरिकों को उनके मोबाइल पर विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए जन सूचना पोर्टल मोबाइल एप भी विकसित किया जा रहा है ताकि मीनिमम गर्वेमेंट-मैक्सिमम गर्वेंनेंस की संकल्पना को पूर्णतया धरातल पर उतारा जा सके। सरकार का यह प्रयास सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 4(2) की मूलभावना पर आधारित है, जो यह कहती है कि स्वप्रेरणा (Proactive Disclosure) से आमजन को समय-समय पर विभिन्न माध्यमों के द्वारा अधिक से अधिक सूचनाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि लोगों को कम से कम इस अधिनियम का उपयोग करना पडे।
यह पोर्टल सोशल ऑडिट का भी एक आधुनिक जरिया होगा। जो राज्य के नागरिकों को सरकारी योजनाओं व सेवाओं से जुडी निजी और क्षेत्रवार जानकारी सरल भाषा में आसानी से उपलब्ध कराएगा। यह सूचनाएं सेल्फ सर्विस कियोस्क (ई-मित्र प्लस) के द्वारा भी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध होगी।