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अमित शर्मा की रिपोर्ट
मारवाड़ यात्रा के दूसरे दिन सवेरे जोधपुर पहुंचा। स्वच्छ भारत अभियान का असर दिखा। मुख्य सड़कों पर झाड़ू लग रही थी। पावटा इलाके में एक रेस्टोरेंट देख कर रुक गए। नाम था 'नीम के नीचेÓ। विशाल नीम के पेड़ को काट देने की बजाय उसी की छांव तले फास्ट फूड सेंटर चल रहा है। यहां बैठे कुछ नौजवानों से चर्चा शुरू की तो उन्होंने बेरोजगारी पर पिछली दोनों सरकारों को घेरा। मदन सिंह ने किसी भी सरकार पर कुछ भी कहने से इनकार किया। घीसाराम अनपढ़ हैं, सियासी दावपेच नहीं जानते, बोले बस सुकून से रोटी मिलती रहे।
जोधपुर के मूल निवासी रवि भाटिया हड़तालों से खफा हैं। हालांकि उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार के अच्छे कामों को भी गिनाया। २०१३ के चुनाव नतीजों में जोधपुर जिले की १० में से ९ सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
कांग्रेस सिर्फ सरदारपुरा सीट (अशोक गहलोत) पर ही जीत दर्ज करा सकी। लोगों को मलाल यही है कि दस में से नौ सीटें भाजपा की झोली में डालीं लेकिन बदले में सरकार ने क्या दिया? जालोरी गेट, सोजती गेट, नागोरी गेट के बाहर चाय की थडिय़ों पर आम जोधपुरियों से बात में यही नाराजगी साफ दिखी।
हाईकोर्ट के बाहर कुछ वकीलों से बात हुई तो सरकार की कार्यशैली पर उन्होंने सवाल उठाए। कहा जब आम आदमी को जब अंतोत्गत्वा न्यायालय ही आना पड़ रहा है तो सरकार आखिर कर क्या रही है? एडवोकेट सुनील जोशी, सज्जन राठौड़, विनोद चौधरी, सुरेन्द्र, कुलदीप शर्मा, मूल सिंह चारण समेत दर्जनभऱ से ज्यादा वकील इस चर्चा में शामिल हुए। यहां से भदवासिया इलाके में 'माता का थानÓ में कलाकारों- नटों की बस्ती में चिड़ी बाई से मुलाकात हुई। चिड़ी की याद हर चुनावों में राजनेताओं को आती है। इन्हें घर-घर ढोलक बजाकर, मारवाड़ी गीत गाकर चुनाव प्रचार का जिम्मा मिलता है। थोड़े बहुत पैसे भी मिल जाते हैं। चिड़ी बाई साथ ही साथ वोट जरूर डालने की अपील करती हैं। चिड़ी बाई की एक टीस है, चुनावों के वक्त उन्हें हर साल याद किया जाता है, सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं। कोई नहीं जो कलाकारों की सुने, उनकी रोजी-रोटी की स्थायी व्यवस्था करे।
रात में परकोटे पहुंचे। सूरसागर विधानसभा क्षेत्र का कुछ हिस्सा भी यहां लगता है। जोधपुर में घर के बाहर बैठ कर चर्चा करने की परंपरा हथाई कहलाती है। वीर मोहल्ले में पहुंचे तो यहां हथाई में चुनावी चर्चा चल रही थी। आखिरकार चुनावी मौसम है, लिहाजा चुनावी चर्चा ही चल रही थी। हम भी शामिल हो गए। यहां से भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास का घर भी इसी इलाके में है, लेकिन नाराजगी परवान पर है। कमलेश वल्लभ व्यास उर्फ भाईड़ा कहते हैं, 'सरकार निकम्मी है, चाहे अशोक गहलोत की कह दो या वसुंधरा राजे की कह दो। कॉन्ट्रेक्टर श्याम सुंदर का कहना है कि क्षेत्रवाद के कारण जोधपुर जिला विकास की दौड़ में पिछड़ गया। कर्मचारी हड़ताल पर रहे लेकिन कर्मचारियों की सरकार ने नहीं सुनी, इससे भी लोग नाराज हैं। टेक्सटाइल कारोबारी खन्नाजी जीएसटी को लेकर गुस्से में नजर आए।

Published on:
12 Oct 2018 07:30 am
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