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राजस्थान ने राजस्व में बिहार-एमपी-यूपी को पीछे छोड़ा, पर प्रति व्यक्ति कमाई इन राज्यों से है आधी, जानें क्यों

Rajasthan News : राजस्थान के लिए यह न्यूज कुछ मीठी है तो कुछ खट्टी है। राजस्व सहित अन्य विकास के पैमानों में राजस्थान ने बिहार-एमपी-यूपी को पीछे छोड़ा दिया है। पर कर्नाटक, तमिलनाडु व हरियाणा जैसे राज्यों से हमारी प्रति व्यक्ति आय लगभग आधी है। जानें क्यों?

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Rajasthan left Bihar-MP-UP behind in revenue but its earnings are half from these states know why

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

शैलेन्द्र अग्रवाल
Rajasthan News :
चालीस साल पहले स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थव्यवस्था में पीछे होने के कारण राजस्थान बीमारू राज्यों में शामिल रहा। अब हमने बीमारू राज्यों में शामिल रहे बिहार, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश राज्यों को राजस्व सहित अन्य विकास के पैमानों में पीछे छोड़ दिया, लेकिन विकास की दौड़ में आगे बने हुए कर्नाटक, तमिलनाडु व हरियाणा जैसे राज्यों से हमारी प्रति व्यक्ति आय लगभग आधी है।

शिक्षा-स्वास्थ्य सहित कई पैमानों में 40 वर्ष में राजस्थान ने लगाई छलांग

नीति आयोग की तर्ज पर राज्य में बनी रीति में 2047 के लक्ष्य तय करने के लिए विकसित राजस्थान डॉक्यूमेंट बनाया जा रहा है, लेकिन इसमें विशेषज्ञों की कमी होने से कार्य नौकरशाहों के भरोसे ही है। उधर, राजस्व प्राप्ति की वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही की रफ्तार की स्थिति यह रही है कि पिछले वर्ष की दर से भी आगे नहीं पाए हैं। बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश को उनकी आर्थिक व विकास की स्थिति के कारण 1985 में बीमारू राज्य कहा गया। बाद में इनमें ओडिशा का नाम भी जुड़ गया। प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य सहित कई पैमानों में 40 वर्ष में हमने छलांग लगाई है। लेकिन निवेशकों का भरोसा अब भी विकास में आगे चल रहे महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक व तमिलनाड़ जैसे राज्यों के प्रति ही अधिक है।

इनकी प्रति व्यक्ति आय हमसे दोगुनी

राज्य - प्रति व्यक्ति आय
कर्नाटक - 204605
तमिलनाडु - 196309
हरियाणा - 194285
राजस्थान - 96638

ऐसे सुधरी हालत

शिक्षा
स्कूल : वर्ष 1985-86 में 38602, अब 107757
विद्यार्थी नामांकन : वर्ष 1985-86 में 57.73 लाख, अब 177.07 लाख
शिक्षक : वर्ष 1985-86 में 172680, अब 775745

स्वास्थ्य
सरकारी अस्पताल : वर्ष 1985-86 में 1830, अब 2600 से अधिक
कुल मृत्यु दर : वर्ष 1985-86 में 13.2, अब 5.6 से कम
शिशु मृत्यु दर : वर्ष 1985-86 में 108, अब 32 से नीचे

अर्थव्यवस्था की स्थिति
देनदारी का भार - वर्ष 2005 में 59968 करोड़, 2025 में अनुमानित 641740 करोड़ रुपए।
प्रति व्यक्ति आय (स्थिर कीमतों पर) - वर्ष 2004-05 में 18565 रुपए, 2024-25 में अनुमानित 96638 रुपए।

साधनों के बेहतर उपयोग पर दें ध्यान

औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचा, कौशल विकास व सिंचाई साधनों के बेहतर उपयोग पर ध्यान दिया जाए। निवेश-व्यापार के लिए वातावरण तैयार कर जनकेन्द्रित विकास मॉडल अपनाएं और संस्थागत तंत्र मज़बूत हो। वहीं मास्टर प्लान के जरिए नियोजित बसावट व पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया जाए। आर्थिक सुधार के लिए कृषि पर निर्भरता घटा कर सेवा व औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए।
प्रो. एस एस सोमरा, प्रभारी, नीति आयोग चैयरमैन-राजस्थान विवि