चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों ने भी आवंटित निकाय क्षेत्रों में पहुंचकर जिम्मेदारी संभाल ली है। पर्यवेक्षक 14 से 19 नवंबर तक और 26 नवंबर को आंवटित निकाय क्षेत्र में रहेंगे और जिले से जुड़ी सूचनाएं राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेंगे। इन चुनावों में 7944 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। वहीं प्रदेश के 14 वार्डों में प्रत्याशी निर्विरोध निकायों के सदस्य बन चुके हैं।
33 लाख 6 हजार 912 मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित ने बताया कि मतदान केंद्र की 200 मीटर की परिधि में दल या प्रत्याशी का कार्यालय नहीं खोला जा सकेगा। प्रदेश में कुल 33 लाख 6 हजार 912 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनमें से 17 लाख 5 हजार 1 पुरुष, 16 लाख 1 हजार 864 महिलाएं और 47 अन्य मतदाता शामिल हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से चुनाव वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक अवकाश पहले ही घोषित किया जा चुका है।
इस चुनाव में मल्टी पोस्ट-सिंगल वोट और एमके-4 और एमके-5 ईवीएम मशीनें काम में ली जा रही हैं। प्रदेश में 24 जिलों के अलग अलग निकाय क्षेत्रों में ये चुनाव हो रहे हैं। चुनाव क्षेत्रों में शनिवार शाम 5 बजे तक सूखा दिवस लागू किया जा चुका है।
भरतपुर में 114 संवेदनशील और बाड़मेर में 23 अति संवेदनशील मतदान केन्द्र 24 जिलों में 43 मतदान केन्द्र इस बार अति संवेदनशील घोषित किए गए हैं। जिनमें सर्वाधिक 23 बाड़मेर जिले में है। अजमेर में 10, चूरू में 9 और पाली में एक मतदान केन्द्र को अति संवेदनशील माना गया है। चित्तोडगढ़ में संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों की संख्या 48 है। सर्वाधिक संवेदनशील मतदान केन्द्र भरतपुर में 114, बीकानेर में 81, टोंक में 78 हैं। सबसे कम 11 संवेदनशील मतदान केन्द्र जैसलमेर में 11 हैं।