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मुकेश शर्मा, ललित तिवारी
Cyber Fraud: साइबर अपराधी ठगी गई रकम को मिनटों में देश के अलग-अलग राज्यों में किराए पर लिए गए खातों में भेज देते हैं। पुलिस जब तक उन खातों तक पहुंचती है, तब तक रकम निकाल ली जाती है। यह काम मिनटों में होता है। इसीलिए ठगी के शिकार लोगों को रकम लौटाना एक कठिन टास्क होता जा रहा है। जयपुर के एक बुजुर्ग को 26 मई को घंटों 'डिजिटल अरेस्ट' कर 23.56 लाख रुपये की ठगी के मामले में भी ऐसा ही हुआ। पुलिस मुख्यालय की साइबर क्राइम पुलिस मामले की तह तक पहुंची तो पता चला कि नई दिल्ली के एक बैंक खाते में रकम ट्रांसफर कर दी गई है।
बुजुर्ग से 23.56 लाख ठगी करने की जांच में जुटी साइबर क्राइम पुलिस ने बुजुर्ग के बैंक खाते से जानकारी जुटाई। पता चला कि नई दिल्ली स्थित सुरेश कुमार जाट के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर हुई है। दिल्ली स्थित बैंक से और हेल्पलाइन नंबर 1930 से सुरेश कुमार के बैंक खाते का रेकॉर्ड मांगा गया। रेकॉर्ड देखकर पुलिस भी सन्न रह गई। एक ही दिन में जयपुर निवासी बुजुर्ग की रकम सहित दिल्ली, सोनीपत व चंडीगढ़ निवासी छह अन्य लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर तीन करोड़ रुपए की रकम ठगी की गई थी।
-साइबर क्राइम पुलिस ने झुंझुनूं के रामसिंहपुरा निवासी सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेन्द्र को दिल्ली से 30 मई को गिरफ्तार किया। आरोपी सुरेश से पूछताछ में सामने आया कि जयपुर की एक होटल में साइबर ठग प्रवीण सिंह राणा, सोनू, नितेश राजा, भूपेश, रोहित व सचिन 24 मई से 26 मई तक तीन कमरों में ठहरे थे।
-साइबर ठगों ने होटल में 26 मई को सुरेश कुमार के बैंक खाते में डिजिटल अरेस्ट से जमा हुई तीन करोड़ रुपए की रकम को उसी समय देश के कई राज्यों में स्थित सरकारी व निजी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी थी और उक्त बैंक खातों से रकम गैंग के अन्य सदस्यों ने निकाल भी ली।
बुजुर्ग से ठगी के मामले में चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि उनके साथियों की तलाश में टीम जुटी है। किराए पर बैंक खाते देने वालों की तलाश की जा रही है।
-शांतनु कुमार, एसपी साइबर क्राइम, राजस्थान पुलिस मुख्यालय
Updated on:
04 Jul 2025 07:27 am
Published on:
04 Jul 2025 07:26 am
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