
जयपुर। राजस्थान में 'एक राज्य, एक चुनाव' प्रस्ताव के तहत निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाने की योजना के अंतर्गत, जनवरी 2025 में होने वाले पंचायत चुनाव लगभग छह से आठ महीने के लिए टाले जा सकते हैं। राजस्थान सरकार प्रस्तावित 'एक राज्य, एक चुनाव' विधेयक को राज्य विधानसभा में पेश करने से पहले एक समिति का गठन कर सकती है , जो एक साथ चुनाव कराने के तकनीकी पहलुओं पर विचार करेगी और एक ड्राफ्ट विधेयक तैयार करेगी। इसके अतिरिक्त समिति पंचायत प्रमुखों के कार्यकाल पर भी चर्चा करेगी।
राजस्थान सरकार विधेयक को पास कराने के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र बुला सकती है। वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा था कि राज्य सरकार राजस्थान में 'एक राज्य, एक चुनाव' के कार्यान्वयन की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी। इस समिति का कार्य यह अध्ययन करना होगा कि निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।
इसके साथ ही, समिति शहरी और ग्रामीण निकायों की संरचना में आवश्यक परिवर्तनों का आकलन करेगी। साथ ही राज्य में वर्तमान जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए सहकारी संस्थाओं का भी मूल्यांकन करेगी। यह समिति शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के गठन और सीमांकन पर भी सिफारिशें प्रदान करेगी। अगर राजस्थान में 'वन राज्य एक चुनाव' का कानून बनता है तो राजस्थान देश में ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 'एक देश-एक चुनाव' के कॉन्सेप्ट को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था।
Updated on:
27 Aug 2024 04:52 pm
Published on:
27 Aug 2024 04:12 pm
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