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Rajasthan News : सरकार के एक आदेश ने मरीजों से छीन ली चिरंजीवी बीमा सुविधा, हुआ ऐसा बड़ा खुलासा

Jaipur News : राज्य में अलग-अलग मापदंड बनाकर निजी अस्पतालों में मरीजों से चिरंजीवी बीमा की सुविधा छीनी गई। इनमें से एक आदेश था घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण की सुविधा गैर नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स (एनएबीएच) मान्यता प्राप्त अस्पतालों से छीनने का।

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जयपुर

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Kirti Verma

Jan 17, 2024

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Jaipur News : राज्य में अलग-अलग मापदंड बनाकर निजी अस्पतालों में मरीजों से चिरंजीवी बीमा की सुविधा छीनी गई। इनमें से एक आदेश था घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण की सुविधा गैर नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स (एनएबीएच) मान्यता प्राप्त अस्पतालों से छीनने का। इसके बाद बड़ा सवाल सरकारी अस्पतालों के पास इस मान्यता के नहीं होने को लेकर भी खड़ा हुआ। राज्य के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल के पास भी यह मान्यता नहीं है।

निजी अस्पताल के संचालकों का कहना है कि जब सरकार इस मान्यता को मानती ही नहीं है तो निजी अस्पतालों में मरीजों से यह सुविधा कैसे छीनी जा रही है। जबकि इसकी मान्यता के बिना ही सरकारी अस्पतालों में यह इलाज जारी रखे गए हैं।

100 निजी अस्पतालों के पास भी एनएबीएच नहीं
राज्य में इस समय 100 से भी कम निजी अस्पतालों के पास एनएबीएच की मान्यता है। इनमें 35 जयपुर के हैं। जोधपुर, उदयपुर, अजमेर और कोटा जैसे बड़े शहरों में भी इक्का-दुक्का अस्पताल ही हैं। चिरंजीवी योजना में अभी तक राज्य के करीब 700 अस्पताल जुड़े हैं। कई जिलों में तो इस मान्यता वाला एक भी अस्पताल नहीं है।

इन सुविधाओं पर मिलती मान्यता
यह मान्यता मरीजों के लिए अस्पताल में सभी तरह की आरामदायक सुविधाएं होने पर दी जाती है। इसमें मरीज और परिजन को बैठने के लिए पर्याप्त स्थान, डॉक्टर्स-नर्सिंग का मापदंडों के अनुसार अनुपात, अस्पताल में संक्रमण रहित माहौल, अधिक से अधिक खुला क्षेत्र, कैफेटेरिया, हरियाली, कतार मुक्त जांच, ऑपरेशन और परामर्श सुविधाएं मुख्य हैं।

इस आदेश के बाद विवाद
चिरंजीवी बीमा योजना के तहत निजी अस्पतालों में होने वाले घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्याेरेंस एजेंसी (राशा) ने यह कटौती की थी। यह सुविधा सिर्फ फुल एनएबीएच प्रमाणित अस्पतालों में ही दी जा रही है। इनमें भी जहां ऑर्थोपेडिक स्पेशलिटी है, वहां ही ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इसकी सूचना योजना के पोर्टल पर जारी की गई। जबकि प्रदेश के कई जिलों में एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पताल नहीं हैं। ऐसे में निजी अस्पताल में प्रत्यारोपण करवाने के लिए अब मरीजों को बड़े शहर जाना पड़ रहा है।

सरकारी अस्पतालों के सामने यह संकट

1. मरीजों की भारी भीड़, परिसर छोटे... कैसे निकालें मरीजों और परिजन के लिए ज्यादा से ज्यादा खुला क्षेत्र
2. मरीजों की कतार, इसे कम करना फिलहाल मुश्किल
3. कैंटीन में निजी अस्पतालों की तरह नहीं रह पाती सफाई

क्या है एनएबीएच
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने स्वास्थ्य सेवा संगठनों को बेहतर सेवाएं देने के लिए एनएबीएच की स्थापना की। एनएबीएच देशभर के अस्पतालों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मान्यता प्रदान करता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में निरंतर सुधार और रोगी सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

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इन सुविधाओं पर मिलती है एनएबीएच मान्यता
उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल
रोगी सुरक्षा
संरक्षित अधिकार
रोगी संतुष्टि
निरंतर सुधार
विश्वसनीयता
प्रतिस्पर्धी स्वास्थ्य सेवा
चिकित्सा पर्यटन
बेहतर कार्य वातावरण
उन्नत व्यावसायिक विकास
कर्मचारी संतुष्टि
मान्यता और पुरस्कार
नौकरी की सुरक्षा


एनएबीएच उच्च स्तरीय मान्यता है। अब सरकारी अस्पतालों में भी निरंतर सुविधाओं का विकास हो रहा है। आगामी समय में इस मान्यता के लिए प्रयास करेंगे।
डॉ. अचल शर्मा, अधीक्षक, सवाई मानसिंह अस्पताल

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