
Parvati-Kalisindh-Chambal River Project : बीस साल के विवाद के बाद आखिरकार मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच 72 हजार करोड़ की पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना पर रविवार को एमओयू हो गया। वर्ष 2004 से प्रस्तावित परियोजना पर दोनों राज्यों के बीच कई स्तर पर मनमुटाव थे।
इसका खामियाजा दोनों प्रदेशों के सूखा प्रभावित जिलों की जनता और किसानों को भुगतना पड़ रहा था। छह माह पहले प्रदेश में आई मोहन और राजस्थान की भजनलाल की सरकार ने विवादों को सुलझाया और केंद्र के नेतृत्व में लंबित विवाद खत्म हो गए। राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल में रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा की मौजूदगी में राज्यस्तरीय कार्यक्रम हुआ। इसमें परियोजना को लेकर वैधानिक कार्रवाई पूरी की गई।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, छोटे मनमुटाव थे। इन्हें पहले भी खत्म किया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमारी जनता, किसान परेशान होते रहे। हमने गंभीरता से विचार किया, जनवरी से ही शुरुआत की। अवरोधों को खत्म किया। अब दोनों राज्य पानीदार बनेेंगे। नए क्षेत्रों में भी आयाम गढ़ेंगे। सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा, राजस्थान की कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के अड़ंगे के कारण कई पीढि़यों को जरूरत से कम पानी में जीवनयापन करना पड़ा। अब हम पीछे नहीं देखेंगे।
परियोजना 72 हजार करोड़ रुपये की है। मप्र 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा। मप्र की 3.37 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होगी और 30 लाख किसान और उनके परिवारों को फायदा होगा। राजस्थान 2.80 लाख हेक्टेयर में सिंचाई करेगा और 2 लाख से अधिक किसान व उनके परिवारों को फायदा होगा। दोनों ओर के 13-13 जिले लाभान्वित होंगे। परियोजना में 17 बांधों का निर्माण होगा, जिनकी जल भराव क्षमता 1477.62 मिलियन घन मीटर होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही उक्त परियोजना की आधारशिला रखेंगे।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना से राजस्थान में 21 जिलों को काफी फायदा होगा। इनमें जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, गंगापुरसिटी, ब्यावर केकड़ी, दूदू कोटपुतली-बहरोड़, खैरथल–तिजारा, डीग व जयपुर ग्रामीण का नाम शामिल है।
Updated on:
01 Jul 2024 09:28 am
Published on:
01 Jul 2024 07:35 am
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