
नाबालिग को वाहन चलाते पकड़ा तो परिजनों को झेलनी पड़ेगी यह मुसीबत
मुकेश शर्मा/जयपुर. राजस्थान पुलिस हैदराबाद की तर्ज पर नाबालिग वाहन चालकों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। अब अगर प्रदेश में नाबालिग वाहन चलाते मिले तो उनके परिजनों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है। राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में आदेश निकाल सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को सख्ती करने के निर्देश दिए हैं। नाबालिग पहली बार वाहन चलाता पकड़ा तो उसके माता-पिता व रजिस्ट्रेशन के अनुसार वाहन मालिक की काउंसलिंग की जाएगी। वह फिर से वाहन चलाता मिला तो माता-पिता या वाहन मालिक को गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
यहां लगी बंदिश
देश में हैदराबाद पुलिस ने नाबालिग को वाहन चलाते पकड़े जाने पर उसके परिजनों और वाहन मालिक को गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। गत मार्च-अप्रेल में 26 परिजनों को गिरफ्तार किया। इसके बाद वहां नाबालिगों के वाहन चलाने का आंकड़ा काफी नीचे गिर गया।
17 जिलों में काउंसलिंग
मुख्यालय ने 2 जुलाई को यह आदेश निकाला। जिला पुलिस अधीक्षकों से काउंसलिंग कराने की एक हफ्ते की जानकारी मांगी।17 जिलों ने तो आदेश की पालना रिपोर्ट भी भिजवाई है। इसमें किसी जिले ने 4 तो किसी ने 58 नाबालिगों को वाहन चलाते पकड़ काउंसलिंग करना बताया है।
दो घंटे होगी काउंसलिंग
काउंसलिंग दो घंटे की होगी, जिसमें बताया जाएगा कि नाबालिग के वाहन चलाने से उसकी और अन्य लोगों की जिंदगी खतरे में रहती है। परिजनों को पाबंद किया जाए कि नाबालिग को भविष्य में बालिग होने तक वाहन नहीं दिया जाएगा।
कार्रवाई और यह सजा
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 180 और 181 के तहत यह कार्रवाई की जाए। गिरफ्तार होने पर न्यायालय से 3 माह की जेल, 1000 रुपए जुर्माना या फिर सजा और जुर्माना दोनों भुगतना पड़ेगा
रिपोर्ट में यह जानकारी
मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट में नाबालिग का नाम, वाहन का प्रकार व नंबर, माता-पिता का नाम, कक्षा, स्कूल का नाम आदि जानकारी भेज रहे हैं। राजस्थान के डीआइजी ट्रैफिक ने बताया कि डीजीपी के निर्देश पर सभी जिला एसपी को नाबालिग के वाहन चलाते मिलने पर काउंसलिंग और अगली बार पकड़े जाने पर गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है। इसकी पालना रिपोर्ट मिलना शुरू हो गई है।
Published on:
12 Jul 2018 10:04 am
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