
राजस्थान विधानसभा में मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी और 6 कांग्रेस विधायकों के निलंबन के बाद हंगामा गतिरोध में बदल गया है। विपक्ष ने विधानसभा की शेष सत्र की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है। वहीं, मंगलवार को सदन में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा आसन को लेकर की गई टिप्पणी पर स्पीकर वासुदेव देवनानी भावुक हो गए।
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन में कहा कि राजस्थान विधानसभा की लंबी और मर्यादापूर्ण परंपरा रही है। यहां कई बार गतिरोध हुआ है, विपक्ष ने धरने भी दिए हैं। लेकिन कल सदन के स्थगित होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह असहनीय है। गोविंद सिंह डोटासरा के व्यवहार को लेकर देवनानी भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए।
इस दौरान शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा की सदस्यता रद्द की जाए। उधर, भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि डोटासरा को इस पूरे राजस्थान विधानसभा के कार्यकाल से निलंबित कर दिया जाए तो वो सजा भी कम है।
गोविंद सिंह डोटासरा ने विधासनभा के बाहर इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम तो स्पीकर के पास जाकर गुहार लगा रहे थे कि मंत्री ने जो बोला है उसे स्पंज करवाओ, हमने और क्या बोला। अगर इनके पास हमारे द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग किये जाने का सबूत होता है तो ये लोग वीडियो जारी कर देते।
गोविन्द सिंह डोटासरा ने सोमवार को अध्यक्ष की कुर्सी की तरफ हाथ करते हुए कहा कि इसके बाप की जागीर है क्या सदन? इस बीच श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि आसन के लिए तो ऐसी भाषा तो मत बोलो। डोटासरा ने कहा कि 'जो सम्मान के लायक हो, उससे सम्मान से बात की जाती है, जो सम्मान लायक नहीं, उससे जूते से बात की जाती है। सदन इसके बाप का नहीं है। इसके पैर पकड़े! इसके गुलाम हैं क्या हम?’
Updated on:
25 Feb 2025 04:56 pm
Published on:
25 Feb 2025 03:51 pm
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