जयपुरPublished: Oct 08, 2023 10:37:53 am
Akshita Deora
Rajasthan Assembly Election 2023: टिकट चाहे रेल की हो या फिर प्लेन की, मारामारी कभी कम नहीं होती। लेकिन बात अगर चुनावी टिकट की हो तो कहने ही क्या? ‘एक अनार और सौ बीमार’ वाली कहावत सबसे अधिक चुनावी टिकटों पर ही लागू होती है।
अनंत मिश्रा/जयपुर. Rajasthan Assembly Election 2023: टिकट चाहे रेल की हो या फिर प्लेन की, मारामारी कभी कम नहीं होती। लेकिन बात अगर चुनावी टिकट की हो तो कहने ही क्या? ‘एक अनार और सौ बीमार’ वाली कहावत सबसे अधिक चुनावी टिकटों पर ही लागू होती है। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। टिकट के दावेदार प्रदेश की राजधानी से लेकर देश की राजधानी तक भागदौड़ में व्यस्त हैं। चुनाव की तारीखों का ऐलान भी चार-पांच दिनों में होने की उम्मीद है। ऐसे में दावेदारों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।
दरअसल, पिछले चुनाव में एक लाख से अधिक वोट पाकर विधायक बने नेता भी पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि उन्हें टिकट मिल ही जाएगा। यानी लखपति विधायकों को भी एक अदद टिकट के लिए कतार में लगना पड़ रहा है।
दौड़ से बाहर हुए मेघवाल
पिछले चुनाव में एक लाख से अधिक वोट लेकर सबसे बड़े अंतर से चुनाव जीतने वाले कैलाश मेघवाल इस चुनाव में टिकट की दौड़ से बाहर हो चुके हैं। भाजपा के टिकट पर 74 हजार से अधिक मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे मेघवाल को पार्टी निलंबित कर चुकी है।
कटारिया असमंजस में
पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में सबसे अधिक वोट लेकर झोटावाड़ा विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले लालचंद कटारिया इस बार असमंजस में हैं। कांग्रेस की राजनीति को गहराई से जानने वालों का मानना है कि इस बार लालचंद कटारिया झोटवाड़ा की जगह पड़ोस की आमेर सीट को अधिक सुरक्षित मान रहे हैं। कटारिया की नजर झोटवाड़ा के साथ आमेर पर भी है।