
Rajasthan News : राजस्थान सरकार निजी डवलपर्स पर नकेल कसने जा रही है। निजी डवलपर्स को आवासीय योजना विकसित करने के बाद 5 से 7 साल तक रख-रखाव भी करना होगा। इसके लिए योजना के कुल भूखंडों का 2.5 प्रतिशत हिस्सा गिरवी (रहन) रखा जाएगा, ताकि डवलपर सड़क, सीवरेज, ड्रेनेज, विद्युत तंत्र का नियमित रूप से रख-रखाव करता रहे। इन भूखंडों को 7 साल बाद ही रिलीज किया जाएगा। इसके बाद ही डवलपर को इन्हें बेचने की अनुमति होगी।
प्रस्तावित नई टाउनशिप पॉलिसी में यह प्रावधान भी जोड़ा जा रहा है। यदि डवलपर मेंटेनेंस नहीं करता है तो गिरवी रखे भूखंडों को बेचकर काम कराया जाएगा। इसके लिए स्थानीय विकास समिति को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। अभी राजस्थान के लाखों भूखंडधारी बदहाल सड़क, सीवरेज, ड्रेनेज से जूझ रहे हैं। न तो डवलपर उनकी सुनवाई करता है और न ही स्थानीय अथॉरिटी। अभी तीन साल तक मेंटेनेंस करने की बंदिश है।
टाउनशिप पॉलिसी के तहत डवलपर आवासीय योजना विकसित करता है तो स्थानीय अथॉरिटी (विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास, शहरी निकाय) 12.5 प्रतिशत भूखंड गिरवी रखती है। इसे तब तक रिलीज नहीं करते हैं, जब तक की योजना में सभी सुविधाएं विकसित नहीं कर दी जाती। डवलपर जैसे ही सुविधाएं विकसित करके शपथ पत्र देता है तो उसके गिरवी रखे भूखंड रिलीज कर दिए जाते हैं। भले ही वह अगले तीन साल तक उसका मेंटेनेंस करे या नहीं। पॉलिसी में केवल दिखावे के लिए समय सीमा तय कर रखी है। इसका फायदा उठाकर कई डवलपर काम नहीं कर रहे।
योजना सृजित करते समय भी 12.5 प्रतिशत भूखंड गिरवी रखेंगे। सुविधाएं विकसित करने के बाद भी उसमें से 10 प्रतिशत भूखंड रिलीज करेंगे। बाकी 2.5 प्रतिशत भूखंड सात साल तक अथॉरिटी अपने पास रखेगी।
इस प्रावधान का सबसे बड़ा असर होगा कि डवलपर गुणवत्तापूर्ण काम करेगा, ताकि सड़क, सीवरेज, ड्रेनेज व अन्य कार्य लम्बे समय तक बने रहें। क्योंकि, यदि सुविधाएं मेंटेनेंस के निर्धारित समय से पहले बदहाल होती हैं तो उसे सुधारने का जिम्मा डवलपर का होगा। उसे फिर पैसा खर्च करना पड़ेगा।
Published on:
12 May 2025 01:05 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
