
आमजन को बार-बार चक्कर से मुक्ति
इस अवसर पर राजस्व मंत्री ने कहा कि आमजन को बार-बार राजस्व कार्यालयों में चक्कर नहीं काटने पड़े, इसके लिए राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसमें ऑनलाइन नकल (प्रतिलिपि), ऑनलाइन गिरदावरी, ऑनलाइन नामान्तरकरण, मॉडर्न रिकॉर्ड रूम, सर्वे-रिसर्वे आदि कार्य प्रमुख हैं।
13 महीनों में लैंड रिकॉर्ड पर खास ध्यान
चौधरी ने बताया कि 13 महीनों में प्राथमिकता से लैंड रिकॉर्ड का कम्प्यूटराइजेशन किया गया है। जनवरी 2019 तक 13 लाख 12 हजार 267 तरमीम थी, जिसमें आज तक 5 लाख 81 हजार 331 तरमीम और जुड़ गई और कुल 18 लाख 93 हजार 598 तरमीम हो गई। इनमें से आज तक 16 लाख 52 हजार 554 निस्तारित कर दी गई हैं। अभी 2 लाख 41 हजार 044 तरमीम का निस्तारण किया जाना बाकी हैं।
338 में से 192 तहसील ऑनलाइन
राजस्व मंत्री ने बताया कि प्रदेश में राजस्व भू-अभिलेख को हर दृष्टि से पारदर्शी एवं अद्यतन किये जाने के लिए राज्य की कुल 338 तहसीलों में से 192 तहसीलों को ऑनलाइन अधिसूचित किया जा चुका है। शेष 146 तहसीलों में भू-अभिलेख को शीघ्रातिशीघ्र ऑनलाइन किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सभी राजस्व नक्शे ई-धरती पर अपलोड
राजस्व मंत्री ने बताया कि सभी राजस्व नक्शे डिजिटलाइज्ड कर ई-धरती पोर्टल पर भू-नक्शा सॉफ्टवेयर के जरिए अपलोड कर आमजन को यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है कि वह जमाबंदी के साथ अद्यतन भू-नक्शे की ऑनलाइन प्रति प्राप्त कर सकें। हाल ही में राजस्व विभाग द्वारा जमाबंदी एवं भू नक्शों की नकल कम्प्यूटर के माध्यम से ई-साईन द्वारा प्रमाणित प्राप्त करने की सुविधा प्रारंभ की गई है।
ऑनलाइन गिरदावरी के लिए मोबाइल एप
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार ऑनलाईन गिरदावरी किये जाने हेतु भू प्रबंध विभाग की ओर से राजस्व अधिकारी मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया गया है जिसके माध्यम से प्रदेश की 192 ऑनलाइन तहसीलों में रबी मौसम की फसल गिरदावरी को ऑनलाइन दर्ज कराया जा रहा है और इस प्रकार दर्ज गिरदावरी की ई-मित्र के जरिए ऑनलाइन नकलें जारी की जा रही हैं।
नामांतरकरण भी समयबद्ध और पारदर्शी
इसी प्रकार नामान्तरकरण की प्रक्रिया को पूर्णत: पारदर्शी एवं समयबद्ध करते हुए आरपीजी व तहसीलदार स्वयं के यूजर आईडी एवं पासवर्ड के माध्यम से नामान्तरकरण लॉक करेंगे एवं लॉक होते ही नामान्तरकरण का अमल जमाबंदी में दर्शाया जायेगा।
तरमीम प्रक्रिया को जल्द निपटाने पर जोर
इसमें एक अहम पहलू यह है कि विभाजन की नामान्तरकरण की प्रक्रिया हेतु तरमीम की प्रक्रिया भी नामान्तरकरण के साथ पूर्ण किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। पंजीयन दस्तावेजों के आधार पर स्वत: नामान्तरकरण की कार्यवाही पायलट आधार पर तहसील-चौमूं, जिला-जयपुर में शुरू की जा चुकी है।
आवेदन भी ऑनलाइन किया जाएगा
राजस्व मंत्री ने बताया कि नामान्तरकरण का ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत करने की सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में सरकार की ओर से समस्त 192 ऑनलाईन तहसीलों में एनआईसी के माध्यम से सॉफ्टवेयर का विकास कर आम जनता को सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
किसानों के लिए ऋण पोर्टल किया लॉन्च
इसी प्रकार कृषि ऋण पोर्टल लॉन्च किया जाकर काश्तकार के लिए बैंक से ऋण लेना अत्यधिक सुगम बना दिया है। इसी प्रकार डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड आधुनिकीकरण प्रोग्राम के अन्तर्गत राज्य की समस्त तहसीलों में आधुनिक भू-अभिलेख कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं।
डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम
उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया लैण्ड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के अन्तर्गत राज्य के 529 उप पंजीयक कार्यालयों में से 527 कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण करवाया जा चुका है, जिसके तहत ई-पंजीयन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पंजीयन कार्य किया जा रहा है। जनवरी, 2019 तक राज्य में 67 तहसीलों को ऑनलाइन कराया जा सका था, इसके उपरांत 125 तहसीलों के रिकॉर्ड को इस योजना में ऑनलाइन करवाया जा चुका है।
Published on:
29 Feb 2020 07:33 pm
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