तूफान के कमजोर पड़ने से अब 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ही हवा चलने के बाद गुजरात जैसी तबाही का मंजर का सामना राजस्थान ने नहीं किया। हालांकि अभी भी तूफान का असर खत्म नहीं माना जा रहा। मौसम विभाग ने अभी भी राज्य को अलर्ट मोड पर रखने की बात की है। दूसरी ओर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर समेत आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी बदलते मौसम पर नजर बनाए हुए हैं। मौसम विभाग जयपुर केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि चक्रवात का रूख आज उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ेगा तो अजमेर, जयपुर, कोटा और भरतपुर संभाग के कई जिलों में बुधवार को बारिश होने की आशंका है। सिस्टम के प्रभाव के कारण मंगलवार देर रात से बुधवार सुबह के बीच बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, जालौर और पाली में बारिश हुई। दिनभर आज जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर और भरतपुर संभाग के भी कई जिलों में तेज बारिश का अनुमान है। 60 से 70 एमएम बारिश होने के आसार आज विभिन्न जगहों पर होगी।
उदयपुर-जोधपुर संभाग के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने जगह-जगह राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें तैनात की है। डूंगरपुर-बांसवाड़ा में लोगों से घर से बाहर न निकलने की अपील की गई है। बिजली गुल होने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सभी अस्पतालों में जेनरेटर और ऑक्सीजन का बैकअप तैयार किया है। अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, अलवर में बनी हुई है। इन जिलों में कई जगह हल्की बूंदाबांदी हो रही है।
गुजरात से सटे प्रदेश के जालोर जिले में बीते 18 घंटे से लगातार तेज बारिश हो रही है। उदयपुर में लगातार बारिश से सीसारमा नदी में पानी की आवक शुरू हो गई है। उदयपुर की झीलों में पानी का स्तर बढ़ा है। बारिश के कारण पानी की लगातार आवक को देखते हुये मंगलवार आधी रात करीब 2 बजे स्वरूप सागर झील के 6 इंच गेट खोल कर एहतियातन की पानी की निकासी की गई। माउंट आबू में तेज हवाओं के कारण खजूर के कई पेड़ धराशायी हो गए।