
विजय शर्मा
RTO News : वाहनों के रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़े के किस्से अभी तक नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में ही सुनने को मिले थे। लेकिन चौंकाने वाली बात है कि राजस्थान के परिवहन कार्यालयों में भी फर्जी रजिस्ट्रेशन का खेल चल रहा है। मामला आईओसीएल के एक टेंडर से जुड़ा है। टेंडर में फायदा लेने के लिए बाड़मेर और दौसा परिवहन कार्यालयों में 10 टैंकरों का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन करवा लिया। देखने लायक बात है कि फर्जीवाड़े में वाहन निर्माता से लेकर डीलर और परिवहन अधिकारी तक शामिल हो गए। कंपनी से वाहन निकलने से फर्जीवाड़े की शुरुआत हुई और आरटीओ में फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन होने तक खेल चला।
इसीलिए किया गया फर्जी रजिस्ट्रेशन
टेँडर प्रक्रिया में शर्त रखी गई कि टॉप मॉडल टैंकरों को प्राथमिक दी जाएगी। ऐसे में 2023 के मॉडल के वाहनों को फर्जी तरीके से 2024 मॉडल बनाकर रजिस्ट्रेशन करवाया गया। इन सभी सात टैंकर वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन बाड़मेर आरटीओ ऑफिस में करवाया गया।
जानिए किस स्तर पर कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
बाड़मेर आरटीओ का फर्जीवाड़ा:
-24 दिसंबर 2023 को वीई कॉमर्शियल व्हीकल लिमिटेड पीतमपुर, इंदौर से 2023 मॉडल के चैसिस रवाना हुए।
-27 दिसंबर डीलर वीई कॉमर्शियल व्हीकल लिमिटेड जोधपुर के पास आए
-डीलर ने 2 जनवरी 2024 को वाहनों के चैसिस बिल जारी किए
दौसा आरटीओ का ऐसे फर्जीवाड़ा
फिर भी लाइसेंस निरस्त नहीं की
मामले की शिकायत मुख्य सचिव तक पहुंची। इसके बाद परिवहन विभाग ने जांच शुरू की। जांच में बाड़मेर और दौसा आरटीओ में वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन पाया गया। इसके बाद भी अभी तक इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किया गया है।
विभाग ने इस प्रकरण की जांच पूरी कर ली है। जांंच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
श्रेया गुहा, एसीएस परिवहन विभाग
Published on:
03 Jun 2024 08:27 am
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