उदयपुर में 15 साल बाद टोपीदार बंदूक से हटेगा जंग, फिर नाल में भरेगा बारूद
जयपुरPublished: Mar 10, 2023 10:22:27 am
राजस्थान के उदयपुर संभाग के कई लोगों के पास आज भी यह बंदूक मौजूद है लेकिन नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है। 15 साल बाद अब जिला कलक्टर ने समस्त उपखंड अधिकारियों को इन बंदूकों के नवीनीकरण करने के आदेश जारी किए है।
मोहम्मद इलियास
उदयपुर. भरमार (भर के मारो) व मजर लोडिंग... नाम से प्रसिद्ध टोपीदार बंदूक से फिर जंग हटेगा। 15 साल बाद जिला कलक्टर ने समस्त उपखंड अधिकारियों को इन बंदूकों के नवीनीकरण करने के आदेश जारी किए है। यह बंदूक आदिवासी का गहना होकर उनकी पहचान है। तेज धमाका करने वाली इस बंदूक को खेतीहर लोग हिंसक जानवरों के बचाव के लिए करते थे लेकिन इस बंदूक की बनावट व कार्यशैली को जाने बिना इसे कारतूसी हथियार की श्रेणी में डालने व लाइसेंस नवीनीकरण में जटिलता तथा फीस बढ़ाने से यह बंदूक गायब हो गई थी। गंगानगर में फर्जी लाइसेंस कांड के बाद इसके लाइसेंस नहीं बन पाए। आज भी उदयपुर संभाग के कई लोगों के पास यह बंदूक मौजूद है लेकिन नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है।