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Rajasthan Water Crisis Report: राजस्थान के बांधों में इस समय पानी की स्थिति संतोषजनक नहीं कही जा सकती। 16 मई 2025 तक के सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के कुल 691 बांधों में से केवल 46.20 प्रतिशत जल संग्रहण हो पाया है। यह पिछले साल इसी अवधि की तुलना में करीब आधा है, जब राज्य के बांध 87.16 प्रतिशत तक भरे हुए थे। आंकड़ों के मुताबिक, केवल 15 दिनों में जल संग्रहण में 684 मिलियन क्यूबिक मीटर की गिरावट दर्ज की गई है। जल संसाधन विभाग की ताजा रिपोर्ट इस ओर संकेत करती है कि यदि समय रहते जल प्रबंधन की कारगर रणनीति नहीं बनाई गई, तो राजस्थान के कई जिलों में आने वाले महीनों में जल संकट गहरा सकता है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी और सिंचाई दोनों को लेकर चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
राज्य में कुल 691 बड़े, मध्यम और छोटे बांध हैं जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 12,900.82 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इनमें से वर्तमान में सिर्फ 5,959.85 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मौजूद है। ये आंकड़े गर्मी के शुरुआती दिनों में ही बड़ी चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। इसमें भी एक बड़ी मात्रा कीचड़ और गाद की संभव है।
राजस्थान जल संसाधन विभाग ने ज़ोनवार आंकड़े जारी किए हैं, जिनसे साफ है कि कोटा जोन राज्य में सबसे बेहतर स्थिति में है। यहाँ कुल 81 बांध हैं जिनकी कुल क्षमता 4,475.95 मिलियन क्यूबिक मीटर है और इनमें से 3,265.42 (मिलियन क्यूबिक मीटर) एमक्यूएम पानी मौजूद है, यानी लगभग 72.95फीसदी भराव हुआ है। कोटा ज़ोन के लिए यह आंकड़ा राहत की बात है। वहीं जोधपुर ज़ोन की स्थिति सबसे खराब है। यहाँ 117 बांधों की कुल क्षमता 980.39 एमक्यूएम है, पर इनमें महज़ 121.94 फीसदी ही पानी है, यानी मात्र 12.44 प्रतिशत का जल संग्रहण। जबकि पिछले साल यही आंकड़ा 73.65 प्रतिशत तक था। यह गिरावट न केवल चिंताजनक है, बल्कि जोधपुर संभाग के लिए आने वाले दिनों में गंभीर जल संकट का संकेत भी है।
जयपुर जोन में ;252 बांध हैं। जिनमें कुल भराव क्षमता 2,828.34 एमक्यूएम है। लेकिन वर्तमान में संग्रहण 1,083.52 एमक्यूएम ही है। यानी सिर्फ 38.31 प्रतिशत। बात बांसवाड़ा जोन की वहां पर 63 बांध हैं। जिनकी कुल क्षमता 2,765.45 एमक्यूएम है। जबकि वर्तमान जल स्तर की बात करें तो यह सिर्फ 27.82 यानी 1,0460 एमक्यूएम ही बचा है। उदयपुर जोन की हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं है। वहां पर 178 बांध हैं। जिनकी कुल भराव क्षमता 1,850.69 एमक्यूएम है। लेकिन वर्तमान जल स्तर 442.87 एमक्यूएम ही है। यानी सिर्फ 23.93 प्रतिशत ही पानी बचा है। ये सभी आंकड़े बेहद ही डराने वाले हैं।
जल संसाधन विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि बांधों के क्या हालात हैं। राजस्थान में कुल 691 छोटे-बड़े बांध हैं। इनमें वर्तमान में 368 बांध लगभग खाली हो चुके हैं । जबकि सिर्फ सात ही बांध ऐसे हैं जो पूरी तरह से भरे हुए हैं। अन्य के हालातों के बारे में बात करें तो 4.25 एमक्यूएम क्षमता से अधिक जल भराव वाले 283 बांध में से 106 पूरी तरह से खाली हैं। 176 ऐसे हैं जिनमें कुछ पानी बचा है। सिर्फ एक ही बांध ऐसा है जो पूरा भरा हुआ है। अब बात 4.25 एमक्यूएम क्षमता से कम जल भराव वाले बांध की करें तो इनकी संख्या 408 है। इनमें से 262 पूरी तरह से खाली है। 140 आंशिक रूप से भरे हुए हैं। जबकि सिर्फ छह ही बांध ऐसे हैं जो पूरी तरह से भरे हुए हैं। कुल मिलाकर निष्कर्ष ये है कि तेजी से विस्तारित हो रहे प्रदेश में पानी का बड़ा संकट है। हालात उस समय और भी खराब हो जाते हैं जब पता चलता है कि राजस्थान का लगभग अस्सी फीसदी से ज्यादा हिस्सा डार्क जोन में हैं। यानी जमीन के नीचे भी पानी के हालात बेहद ही खराब हैं।
Updated on:
29 May 2025 11:04 am
Published on:
29 May 2025 09:35 am
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