
Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023 : विकास पुरुष कहे जाने वाले महाराजा गंगासिंह का बीकानेर बदलते दौर का साक्षात्कार करने वाले ऐतिहासिक नगर रहा है। लालटेन युग से लेकर बिजली के दौर तक का क्रमबद्ध विकास हो या बिजली आने के बाद भी अंधेरे में रहने का अनुभव। इस शहर ने सब कुछ देखा-सुना। फिर जेनरेटर और इन्वर्टर का जमाना भी आया। इन सबके बीच चुनावी दौर में साल 1990 का वह किस्सा अक्सर विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों की जुबान पर आ ही जाता है, जब मोमबत्ती की रोशनी में एक नेता को अपना भाषण देना पड़ा था।
आजादी के बाद के चुनाव में ऐसे कई चुनाव गुजरे, जिनमें लालटेन एवं मोमबत्ती ही ऐसा माध्यम था, जिसकी रोशनी में चुनाव प्रचार के दौर चलते थे। बाद में बिजली आई और गुल भी होने लगी, तो फिर मोमबत्ती एवं लालटेन का ही सहारा लिया जाता रहा। इसी दौर का एक किस्सा विधानसभा चुनाव 1990 का है। इन चुनावों में भाजपा से ओम आचार्य, कांग्रेस से डॉ. बीडी कल्ला और जनता दल से मानिकचंद सुराणा चुनाव मैदान में आमने-सामने थे।
दिन भर की भागदौड़ के बाद प्रत्याशी शाम के समय मुय चुनाव कार्यालय आकर कार्यकर्ताओं से रूबरू होते थे और आगामी दिन की रणनीति और कार्यक्रमों की जानकारी का आदान-प्रदान होता था। भाजपा प्रत्याशी आचार्य का मुख्य चुनाव कार्यालय स्टेशन रोड पर आसोपा बिल्डिंग में हुआ करता था। आचार्य दिन भर शहर में संपर्क करने के बाद शाम को कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के लिए मुय चुनाव कार्यालय आए।
आचार्य ने कार्यालय में प्रवेश किया, तो बिजली गुल मिली। जेनरेटर आदि की कोई व्यवस्था नहीं थी। कार्यालय में करीब पांच सौ कार्यकर्ता उस समय मौजूद थे। जब मोमबत्ती जलाने के लिए माचिस मांगी गई, तो किसी भी कार्यकर्ता के पास माचिस नहीं मिला। आचार्य के भाषण के लिए देर हो रही थी। फिर कार्यालय प्रभारी बनवारीलाल शर्मा ने अंतिम लाइन में बैठे एक कार्यकर्ता को माचिस खरीदने के लिए बाजार भेजा। वह कार्यकर्ता भी दुकान-दुकान भटकता रहा। किसी तरह माचिस लेकर आया, तब मोमबत्ती जलाकर रोशनी की गई। उसी रोशनी में आचार्य ने अपना भाषण दिया। यह चुनाव बीकानेर शहर विधानसभा क्षेत्र में हुआ त्रिकोणीय मुकाबला था, जिसमें बाद में डॉ. कल्ला तीसरी बार लगातार विजयी रहे।
- बृजमोहन आचार्य
Published on:
27 Oct 2023 06:26 pm
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