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राज्यसभा में गूंजा रामगढ़ और जवाई बांध का मुद्दा, माथुर बोले : रामगढ़ का वैभव लौटाने के लिए उठाए जाएं कठोर कदम

Rajya Sabha : सदन में हुई जलसंकट पर चर्चा

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राज्यसभा में गूंजा रामगढ़ और जवाई बांध का मुद्दा, माथुर बोले : रामगढ़ का वैभव लौटाने के लिए उठाए जाएं कठोर कदम

नई दिल्ली। राज्यसभा ( Rajya Sabha ) में बुधवार को रामगढ़ बांध ( Ramgarh Dam ) की बदहाली का मुद्दा गूंजा। भाजपा सांसद ओमप्रकाश माथुर ( Omprakash Mathur ) ने जलसंकट ( Water crisis ) पर अल्पकालीन चर्चा में हिस्सा लेते हुए राजस्थान ( Rajasthan ) में पानी की किल्लत और रामगढ ( Ramgarh ) व जवाई बांध ( Jawain Dam ) की बदहाली पर अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने दोनों बांधों की हालत सुधारने की मांग की।

माथुर ने कहा कि रामगढ़ बांध वर्षों तक जयपुर शहर के लिए पेयजल का एकमात्र स्रोत था। 1982 के एशियाई खेलों में इसी बांध में पानी की स्पार्धाएं हुई थीं, लेकिन आज इसमें बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैंं। राज्य सरकार की उदासीनता और अफसरों की लापरवाही के चलते बांध के कैचमेंट एरिया में एनीकट और शिक्षण संस्थान बन गए हैं। नवम्बर 2017 में हाईकोर्ट ने इन अनाधिकृत निर्माणों को हटाने और जुर्माना लगाने के जाने के आदेश भी दिए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई।

माथुर ने सदन में रामगढ़ को फिर से अपने पूर्व स्वरूप में लाने के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की। पाली जिले के जवाई बांध पर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए माथुर ने कहा कि इसका निर्माण जोधपुर के पूर्व महाराजा उम्मेद सिंह ने कराया था। पिछले वर्षों में इस बांध को भरने के लिए उदयपुर जिले में कालीबोर और सेई बांध बनाए गए थे, लेकिन ये जवाई की भराव क्षमता को पूरा नहीं कर पा रहे। बांध का भराव अब भी बारिश पर निर्भर है। 10 में से औसतन चार वर्ष ही पानी रहता है, जिससे सिंचाई होती है। छह साल खाली पड़ा रहता है। आज भी 1500 से अधिक गांवा और 10 कस्बे पेयजल के लिए जवाई पर निर्भर हैं। ऐसे में इसके पुनर्भरण की पुख्ता व्यवस्था होगी तो पाली के नागरिकों को फ्लोराइड युक्त पेयजल से होने वाली बीमारियों से भी निजात मिल सकेगी।

मामा की शादी, मां परोसने वाली

राजस्थान में पेयजल किल्लत पर सहायता मांगते हुए जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ( gajendra singh shekhawat ) को लेकर चुटकी भी ली। माथुर ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री ने इस नए मंत्रालय का जिम्मा भी पश्चिमी राजस्थान के लाल को ही दिया है। शेखावत स्वयं भी वहां पेयजल और सिंचाई की समस्याओं से परिचित हैं। हमारे मारवाड़ी में कहावत है कि 'मामा की शादी और मां परोसने वाली'।

प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद
माथुर ने यहां पानी के लिए नया जलशक्ति मंत्रालय बनाने, जालौर जिले में पेयजल व सिंचाई के लिए नर्मदा का जल लाने, मनरेगा राशि में बढ़ोतरी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) को धन्यवाद दिया। उन्होंने मनरेगा की कुछ राशि जलसंचय पर खर्च करने का सुझाव भी सदन के माध्यम से प्रधानमंत्री को दिया। माथुर ने बताया कि उन्होंने अपने गांव में भी सौ बीघा क्षेत्र में बूंद-बूंद सिंचाई की व्यवस्था कर रखी है।