
जयपुर. रामगंज उपद्रव के दौरान भरत से मारपीट हुई, यह तो तय है। सवाई मानसिंह अस्पताल में मेडिकल बोर्ड ने जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी है, उसमें साफ कहा है कि भरत के शरीर पर करीब छोटी-छोटी चोट के दस निशान हैं, जो उसकी मौत से 24 घंटे के अंदर के हैं। इससे साफ जाहिर है कि भरत के साथ मारपीट हुई थी। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि यह चोटें इतनी गहरी नहीं हैं, जिससे भरत की मौत हुई हो। हालांकि सबकुछ सही रहा तो भरत की मौत के असली कारणों का भी दस दिन के अंदर स्पष्ट पता चल जाएगा।
पुलिस सूत्रों की माने तो भरत की मौत के मामले को उन्होंने भी हल्का नहीं लिया है। साधारण मामलों की बजाए भरत के पोस्टमार्टम के दौरान विसरा और पैथोलॉॅजी जांच के लिए जो नमूने लिए गए थे। उन्हें डीसीपी के पत्र के साथ राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में जांच के लिए जमा करवा दिए गए हैं। डीसीपी सत्येन्द्र सिंह ने पत्र में कहा है कि यह एक गंभीर मामला है, इसे अन्य साधारण मामलों की तहर नहीं लिया जाए और ना ही लंबित प्रकरणों के बाद निस्तारण किया जाए। इन नमूनों को प्राथमिकता से लेकर पहले जांच कर रिपोर्ट दी जाए।
लात, घूंसे, लाठी, सरिया इसका पता नहीं
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि चोट कैसे लगी, इसका पता नहीं चल सका है। परिजनों ने आशंका जताई है कि भरत के साथ लात, घूंसे या लाठी, सरियों से मारपीट की गई या फिर रिक्शा में ही बैठे रहने के दौरान धक्का मुक्की की गई। भरत के परिजनों ने बताया कि उनको पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली, इसके बाद रामगंज थाने में हत्या का मामला दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।
Published on:
16 Sept 2017 09:34 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
