
रामगढ़ बांध का जीर्णोद्धार कार्यक्रम। फोटो पत्रिका
Ramgarh Dam : रामगढ़ बांध को पुनर्जीवित करने का संकल्प अब केवल कागजों और नारों तक सीमित नहीं रहा। बड़ी संख्या में जयपुर और आस-पास के शहरों के लोग श्रमदान कर बांध के जीर्णोंद्धार में जुटे हुए है। सैकड़ों लोगों के सामूहिक प्रयासों से उम्मीद जगी है कि वह नई सुबह जल्द आएगी, कि जब रामगढ़ बांध में पानी हिलोरे मारेगा। इसके लबालब होने पर यहां तरक्की के नए द्वार खुलेंगे।
राजस्थान पत्रिका के "अमृतं जलम्" अभियान से जुड़े जनसंकल्पों और सामाजिक चेतना से यह संभव होगा। कभी जयपुर की धड़कन रहे इस बांध को फिर से जीवन देने का सपना अब सिर्फ सपना नहीं रहा। रोटरी क्लब जयपुर सिटीजन के सदस्यों ने गुरुवार को पत्रिका के ‘अमृतं जलम्’ अभियान से प्रेरणा लेकर रामगढ़ बांध की तलहटी में देर तक श्रमदान के साथ ही पसीना बहाया ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी जल से भरा बांध मिल सके। तगारियों में मिट्टी भरते लोगों के चेहरों पर श्रम की बूंदें और आंखों में रामगढ़ को फिर से लबालब देखने का सपना साफ दिख रहा था।
रामगढ़ बांध के एक किनारे पर श्रमदान के दौरान हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी कि अगर अब नहीं चेते, तो आने वाली पीढ़ियों को पानी के लिए तरसना पड़ेगा।
क्लब के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि यह श्रमदान केवल श्रम नहीं, यह हमारी भावनाओं का संकल्प है रामगढ़ को फिर से लबालब देखने का। संस्थापक अध्यक्ष सुधीर जैन ने कहा कि रामगढ़ सिर्फ एक जल स्रोत नहीं, जयपुर की पहचान है। इसे जीवित करना सभी लोगों की जिम्मेदारी है।
सचिव आशीष बैद ने बताया कि बांध परिसर की गहराई बढ़ाने के लिए सामूहिक रूप से मिट्टी हटाई गई, ताकि मानसून के जल संग्रहण में सहायता हो सके। इस दौरान कोषाध्यक्ष अजय जैन, मोहित अग्रवाल, सचिन जैन और एम.एल.सोनी सहित कई अन्य सदस्यों ने श्रमदान में भागीदारी निभाई।
Published on:
25 Jul 2025 07:49 am
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