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Rare Diseases : कोरोना ने दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों की बढ़ाई परेशानी

Rare Diseases : जयपुर . Corona के कारण देशभर में दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे Patient को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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International Rare Disease Day : Understand about rare diseases

International Rare Disease Day : Understand about rare diseases

Rare Diseases : जयपुर . कोरोना ( Corona ) के कारण देशभर में दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीज ( Patient ) जागरुकता ( Awareness ) के अभाव में पहले ही अपना उपचार ( Treatment ) देरी से शुरू कराते हैं, वहीं कोरोना के कारण यह परेशानी और बढ़ गई है।

जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल के अधीक्षक और इंचार्ज रेयर डिजीज डॉ. अशोक गुप्ता ने कहा, 'देश में दुर्लभ बीमारियों के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। जल्दी जानने, जल्दी जांच करने और समय से इलाज की बहुत जरूरत है, ताकि मरीज सामान्य जीवन जी सके। देश में कोविड-19 के कारण बनी स्थिति में लोगों की आवाजाही पर लगी रोक से दुर्लभ बीमारियों के मरीजों के लिए और परेशानी खड़ी हो गई है, क्योंकि वे इलाज केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इन बीमारियों की जांच में बड़ी बाधा इनके प्रति लोगों में जागरूकता नहीं होना भी है। यह जरूरी है कि नवजात शिशुओं में दुर्लभ बीमारियों की जांच की जाए।

दुर्लभ बीमारियां बच्चों में ज्यादा
दुर्लभ बीमारियां सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करती हैं। 50 प्रतिशत नए मामले बच्चों में सामने आते हैं और एक साल से कम उम्र में 35 प्रतिशत मौत के लिए दुर्लभ बीमारियां जिम्मेदार है।

दो लाख में से एक को होती है दुर्लभ बीमारी
विशेषज्ञों के अनुसार दो लाख लोगों में से एक व्यक्ति को होने वाली बीमारियों को दुर्लभ बीमारियों की श्रेणी में रखा जाता है। भारत में एक अनुमान के मुताबिक, हर 20 में से 1 भारतीय किसी दुर्लभ बीमारी का शिकार है। जिनमें 50 प्रतिशत बच्चे हैं।

दुर्लभ बीमारियों को लेकर कोई नीति नहीं
भारत में दुर्लभ बीमारियों की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। दुर्लभ बीमारियों को लेकर नीति नहीं होना, मरीजों के बीच बीमारी के बारे में जागरूकता कम होना और सही इलाज तक नहीं पहुंच पाना कुछ ऐसे कारण हैं, जो दुर्लभ बीमारियों के मरीजों की जिंदगी को और खतरे में डाल देते हैं।

भारत में ये दुर्लभ बीमारियां ज्यादा
भारत में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली दुर्लभ बीमारियों में हीमोफीलिया, थैलेसेमिया, लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर जैसे गौशर डिजीज, फाइब्री डिजीज, हंटर सिंड्रोम और पोम्पेज डिजीज, सिकल सेल, एनीमिया, हीमोफीलिया, क्रोन्स डिजीज, अल्सरेटिव कोलिटिस तथा प्राइमरी इम्यूनो डिफिशिएंसी जैसी बीमारियां शामिल हैं।

जसगरुकता का अभाव
राजस्थान में दुर्लभ बीमारियों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बहुत कम है और यहां कई अस्पतालों में इनकी जांच व इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है। जयपुर में एसएमएस हॉस्पिटल और जेके लोन हॉस्पिटल में इन बीमारियों की जांच की सुविधा उपलब्ध है।