
ravi pushya nakshatra yog Ravi Pushya Yog 2020
जयपुर. पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का सम्राट कहा जाता है। ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र हैं जिनमें पुष्य नक्षत्र 8 वें स्थान पर आता है। यह बहुत शुभ एवं कल्याणकारी नक्षत्र है। जब यह नक्षत्र रविवार के दिन होता है तो रवि पुष्य योग बनता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस योग में शुरू किए गए सभी कार्य शुभकारी होते हैं। रवि पुष्य योग में सभी ग्रहों की बुरी दशाएं भी अनुकूल हो जाती हैं। जीवन में धन और वैभव की वृद्धि होती है। आर्थिक समृद्धि आती है। रवि पुष्य नक्षत्र योग यंत्र सिद्धि के लिए भी शुभ होता है। इस दिन की गई साधना निश्चित रूप से सफल होती है।
सूर्य का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन सूर्य आराधना जरूर करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार इससे जन्मकुंडली में स्थित सूर्य के दुष्प्रभाव दूर होते हैं। इस दिन सुर्ख लाल वस्त्र पहनना भी शुभ होता है। इस योग के दिन गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है। तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए भी यह विशेष उपयोगी होता है।
इस योग में जड़ी-बूटी ग्रहण करने से परिणाम हितकारी होता है। इस दिन प्रारंभ किए कार्य की गुणवत्ता एवं उसके प्रभाव में वृद्धि होती है। यदि कार्यों में कोई अडचन आती हो तो रवि पुष्य योग पर मंदिर में दीपक जलाएं। इससे कार्य में आने वाली बाधा समाप्त होती है।
Published on:
11 Oct 2020 04:33 pm
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