
जयपुर। राज्य सरकार ने अविद्युतीकृत ढ़ाणियों को केन्द्र की आरडीएसएस योजना में सम्मिलित कर इनका विद्युतीकरण करने का प्रस्ताव केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय को भिजवाया है। राज्य के ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने गुरूवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक दिन पूर्व ही दिल्ली में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से उनकी मुलाकात भी हुई है।
उन्होंने बताया कि विगत दस वर्षों से केन्द्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के माध्यम से विद्युतीकरण किया गया है। मार्च 2022 में दीनदयाल उपाध्याय एवं सौभाग्य योजना के बंद होने के बाद प्रदेश में करीब 2 लाख ऐसी ढाणियां हैं जो अविद्युतीकृत हैं। इन ढाणियों का विद्युतीकरण केन्द्र की आरडीएसएस योजना के माध्यम से कराने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में तो मांग के आधार पर घरेलू कनेक्शन देने का प्रावधान है। लेकिन दूरस्थ ढ़ाणियों में कनेक्शन प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार की योजनाएं लाई जाती रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में स्वीकृति प्रदान करने पर प्रदेश में सभी अविद्युतीकृत ढाणियों का विद्युतीकरण किया सकेगा। विधायक जगदीश चन्द्र के प्रश्न के जवाब में ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि ढा़णियों में स्थायी निवास कर रहे लोगों के घरों में विद्युत कनेक्शन देने के लिए वर्तमान में केन्द्र अथवा राज्य सरकार की कोई अनुदानित योजना संचालित नहीं है।
भाटी ने बताया कि अविद्युतीकृत ढा़णियों के लगभग एक लाख 95 हजार परिवारों के आवासों को विद्युतीकृत किए जाने के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर माह जनवरी में स्वीकृति के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट रिपोर्ट के स्वीकृत होने पर आगामी कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित है।
Published on:
16 Mar 2023 06:40 pm
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