
PatrikaSpeakup: कहीं पांच हजार की किताबें तो कहीं 15 दिनों से स्ट्रीट लाइट बंद... पढ़िए जयपुर वालों ने और क्या क्या समस्या बताईं...
पत्रिका में किए गए नए बदलाव के बाद जयपुर के आम लोगों को अब अपनी समस्याएं, प्रतिक्रियाएं और सुझाव खुलकर सामने रखने का मौका मिल रहा है। सिटी के नए पेज ज्यादा उपयोगी, पाठक के लिए ज्यादा रोचक और खास बनाया गया है। केवल पत्रिका में अखबार में खबर पढ़ने के बाद अब फेसबुक के माय सिटी ग्रुप के जरिए लोगों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है।
यहां लोगों ने लगातार अलग अलग मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रियाएं, सुझाव और समस्याएं बताई हैं। इस बदलाव में स्पीक अप प्रॉपर्टी के जरिए लोगों से एक खास सवाल पर उनकी जवाब मांगे जा रहे हैं। जयपुर के पाठक बढ़ चढ़ कर इस अभियान में हिस्सेदारी ले रहे हैं और शहर की बेहतर तस्वीर के लिए जमकर जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। शहर के मुद्दे प्रॉपर्टी में शहर के किसी खास मुद्दे पर एक्सपर्ट्स की राय रखी जा रही है। शहर के बड़े मुद्दों पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
मुद्दा - कॉलोनियों में सीवरेज कुइयां बन रहीं सिरदर्द
सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में पत्रकार कॉलोनी, पृथ्वीराज नगर (पीआरएन) सहित कई कॉलोनियों में सीवरेज लाइन नहीं है। इस कारण लोगों ने कुइयां खोद रखी हैं। इन स्थानों पर हर घर के सामने सीवरेज कुई बनी हुई है। इनकी चौड़ाई लगभग 5 फीट और गहराई 45-60 फीट है। सीवरेज कुइयां अधिक गहरी होने के कारण इनका दूषित पानी भूजल के साथ मिक्स हो रहा है। कुछ स्थानों पर टयूबवेल में भी सीवरेज मिक्स पानी आ रहा है। इस दूषित पानी को पीने से लोग बीमार हो रहे हैं। ये कुइयां आपस में कनेक्ट हो चुकी हैं, जिससे घरों से बहने वाले लाखों लीटर पानी को ये सोख नहीं पा रही हैं। हाल यह है कि खाली करवाने के बाद कुछ घंटों में कुइयां फिर से भर जाती है। बार-बार खाली कराने से लोगों पर जबरन आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। एक कुई को खाली कराने पर दो से ढाई हजार रुपए का खर्च आता है। इसके अलावा क्षेत्र में सेंटर रोड निर्माण का कार्य भी बंद पड़ा है। इससे भी लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
धर्मसिंह सिंघानिया, पूर्व पार्षद
मुद्दा - लो फ्लोर बसों का कम होना
कहीं जाने के लिए बस का इंतजार नहीं कर सकते। जब आती है तो भरी हुई होती है। इसीलिए कैब या बाइक टैक्सी लेती हूं।
- सुनीता सैनी, सामाजिक कार्यकर्ता
भीड़ इतनी अधिक हो गई है कि एसी बसों के दरवाजे भी बंद नहीं हो पाते। लोग दरवाजों पर लटक कर यात्रा करते हैं।
- राजेश बागड़ा, जिम संचालक
मुद्दा - बुक बैंक शुरू करें तो अभिभावकों को मिले राहत
मेरा बेटा तिलक नगर स्थित एक निजी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ रहा है। इस सत्र बेटे के लिए स्कूल से पांच हजार का बुकसेट दिया गया। यह बहुत महंगा पड़ रहा है। सरकार को इस मामले में राहत दी जानी चाहिए।
- हिमांशु
स्कूलों की ओर से मनमानी की जा रही है। फीस या किताब नहीं लेने पर बच्चों को अपमानित किया जाता है। स्कूलों की इस मनमर्जी पर सरकार को कदम उठाने चाहिए।
- आलोक दमन
बगरू क्षेत्र में निजी स्कूलों की मनमानी के चलते बच्चों पर दुकान विशेष से ही किताब खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। अभिभावकों को स्कूल की दुकान से ही किताब, ड्रेस खरीदनी पड़ रही है।
- विष्णु शर्मा
मुद्दा - निगमों का झगड़ा... अंधेरे में सैकड़ों कॉलोनियां...गलियों की बत्ती गुल
मेरे वार्ड सहित आसपास कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट चालू नहीं हुई है। बिल भुगतान न होने की बात कहकर अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं। -रश्मि सैनी, अध्यक्ष, विद्युत समिति, ग्रेटर निगम
मेरे वार्ड में 15 दिन से लाइट बंद हैं। कनेक्शन काट गए। अब लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। अधिकारी सुन नहीं रहे। -विकास बारेठ, पार्षद
कई बार निगम में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक स्ट्रीट लाइट जलना शुरू नहीं हुईं। महापौर और आयुक्त से मिलकर विरोध दर्ज कराएंगे। -बाबूलाल शर्मा, पार्षद
Published on:
10 Apr 2023 03:57 pm
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