
पत्रिका फाइल फोटो
Rock Phosphate: जयपुर. रॉक फॉस्फेट के क्षेत्र में राजस्थान का देशभर में लगभग एकाधिकार है और इस क्षमता का बेहतर उपयोग कर खेती, उद्योग और अर्थव्यवस्था को नई गति दी जा सकती है। मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएम) को खनिज उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रॉक फॉस्फेट और जिप्सम जैसे खनिज खेती की उत्पादकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए इनके योजनाबद्ध और सतत उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्य सचिव सचिवालय में आरएसएमएम की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि देश की कुल रॉक फॉस्फेट आवश्यकता का लगभग 30 प्रतिशत भंडार राजस्थान में उपलब्ध है। ऐसे में डीएपी और एसएसपी उर्वरक निर्माण करने वाली इकाइयों की जरूरतों को पूरा कर आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है। उन्होंने रॉक फॉस्फेट के साथ-साथ जिप्सम, लाइमस्टोन और लिग्नाइट के उत्पादन को भी बढ़ाने पर जोर दिया।
आरएसएमएम द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में नवंबर माह तक 43 लाख 15 हजार टन रॉक फॉस्फेट, लिग्नाइट, जिप्सम और लाइमस्टोन की बिक्री की जा चुकी है। बीकानेर, बाड़मेर और नागौर में जिप्सम के बड़े भंडार हैं, जबकि बीकानेर क्षेत्र में आरएसएमएम द्वारा जिप्सम का खनन किया जा रहा है। जिप्सम की उपलब्धता से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने और कृषि उत्पादन को मजबूती मिल सकती है।
मुख्य सचिव ने खनन कार्य में नवीनतम तकनीक अपनाने, खनिजों की छीजत कम करने और पर्यावरण के अनुकूल सतत खनन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। साथ ही सुरक्षा मानकों की सख्ती से पालना, उत्पादकता और लाभदायकता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
प्रबंध निदेशक प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि नवंबर तक आरएसएमएम ने 1192 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर 337 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर-पूर्व लाभ अर्जित किया है। इसके अलावा कंपनी द्वारा विंड और सोलर ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में भी कारोबार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खाली पदों को भरने के लिए जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे उत्पादन और संचालन क्षमता और मजबूत होगी।
Published on:
19 Dec 2025 03:50 pm
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