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मंत्रियों के टिकट काटने में ये पार्टी रही आगे, फिर बगावत के बीच ऐसा बदला समीकरण

अब तीसरे चुनाव (Rajasthan Election 2018) हो रहे हैं, उसमें भी टिकट कटने के कारण भाजपा के 4 मौजूदा मंत्री बगावत पर उतर गए हैं...

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जयपुर

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Dinesh Saini

Nov 20, 2018

rajasthan vidhansabha election news

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जयपुर। दस साल में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही शासन में रहे, लेकिन मौजूदा मंत्रियों के टिकट काटने के मामले में भाजपा आगे रही है। अब तीसरे चुनाव (Rajasthan Election 2018) हो रहे हैं, उसमें भी टिकट कटने के कारण भाजपा के 4 मौजूदा मंत्री बगावत पर उतर गए हैं।

बगावत के कारण राजनीतिक दलों की मुश्किल बढऩा कोई नई बात नहीं है, लेकिन टिकट कटने के कारण बगावती तेवर दिखाने वालों में अब तक विधायक या अन्य नेता ही नजर आते रहे। इस बार भाजपा के तीन मंत्रियों ने टिकट कटने पर पार्टी को सीधी चुनौती दे डाली है। हालांकि मौजूदा मंत्रियों को टिकट नहीं मिलने के उदाहरण पिछले दो चुनाव में भी सामने आए, लेकिन 2008 के चुनाव में भाजपा के तीन मंत्रियों ने संयम दिखाया। इन तीनों ही मंत्रियों की सीट परिसीमन की भेंट चढऩे के कारण उनका टिकट कट गया था।

सिंघल हारे, शर्मा फिर जीते
2008 के चुनाव में तत्कालीन मंत्री मदन मोहन सिंघल सत्ताधारी भाजपा को छोडकर बसपा में चले गए थे, परन्तु वे बसपा से विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए। इसके बाद कांग्रेस ने सत्ता में आते ही डॉ. राजकुमार शर्मा सहित बसपा के 6 विधायकों को पार्टी में मिला लिया, लेकिन 2013 में कांग्रेस ने उनको टिकट नहीं दिया। हालांकि निर्दलीय विधायक के रूप में उन्होंने चुनाव जीत लिया। 2018 के चुनाव की नामांकन की प्रक्रिया का पहला चरण भी पूरा हो गया है, जिसमें सामने आ चुका है कि भाजपा ने चार मंत्रियों का टिकट काट लिया है।

रामनारायण डूडी को राज्यसभा में मौका
2008 के विधानसभा चुनाव में परिसीमन के कारण तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री रहते रामनारायण डूडी, भवानी जोशी और लक्ष्मीनारायण दवे को टिकट नहीं मिल पाया। डूडी बाद में राज्यसभा सदस्य बनाए गए। 2008 के चुनाव में मंत्री रहे नाथूसिंह जीत नहीं पाए, 2013 में उनकी पत्नी अलका सिंह ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता और अब टिकट कटने के कारण अलका सिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं।

कांग्रेस ने पांच को नहीं दिया था मौका
2013 के चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. राजकुमार शर्मा को छोडकऱ अपने किसी भी मंत्री का टिकट नहीं काटा। बाबूलाल नागर को भी गिरफ्तारी के कारण पिछले चुनाव में टिकट नहीं मिल पाया था, लेकिन उनके ही परिवार में टिकट दे दिया गया। इनके अलावा 2013 के चुनाव में पूर्व मंत्री रतनलाल तांबी, हरेन्द्र मिर्धा, राजेन्द्र चौधरी, अब्दुल अजीज, लक्ष्मण सिंह रावत पर भी कांग्रेस ने भरोसा नहीं जताया।