
Illegal mining : माइंस विभाग को 4234 करोड़ का रिकार्ड राजस्व
राज्य के माइंस विभाग ने 6 जनवरी तक एक हजार करोड़ रुपए का अधिक राजस्व संग्रहित कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। माइंस विभाग की ओर से 4234 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व संग्रहित किया गया है। यह पूर्व के दो सालों की इसी अवधि से करीब करीब एक हजार करोड़ रुपए अधिक है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग की उच्चस्तरीय नियमित मोनेटरिंग का ही परिणाम है कि प्रदेश में माइंस विभाग द्वारा राजस्व संग्रहण का नया रिकार्ड बनाया जा रहा है। आरएसएमईटी, एनएमईटी, डीएमढफटी की राशि को भी जोडऩे के बाद यह राशि बढ़कर 5170 करोड़ रुपए से भी अधिक हो जाती है। योजनावद्ध प्रयासों, लगातार समीक्षा, छीजत पर प्रभावी रोक के निर्देश, अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण पर सख्त कार्यवाही के निर्देशों का परिणाम रहा है कि प्रदेश में माइंस विभाग के राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है।
कोविड पूर्व के वर्ष 2019-20 में इसी अवधि में 3141 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था, वहीं कोविड के बावजूद सकारात्मक प्रयासों से वर्ष 2020-21 में इसी अवधि में 3244 करोड़ का राजस्व संग्रहित हुआ। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इस वित्तीय वर्ष में 6 जनवरी तक 4234 करोड़ 16 लाख रुपए का राजस्व जमा हुआ है, जो गए साल की इसी अवधि से 30 प्रतिशत अधिक है। सामान्य प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत में लक्ष्यों अर्जित करने की रहती है पर विभाग ने आरंभ से ही प्रतिदिन के राजस्व संग्रहण के आधार पर मोनेटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में खनन गतिविधियों से 6 से 8 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व 22 से 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग द्वारा राजस्व बढ़ोतरी के सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं।
Published on:
09 Jan 2022 07:57 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
