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625 पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग ने आईबीपीएस को महंगा बताया, सहकारी भर्ती बोर्ड संस्था बदलने को तैयार नहीं

सहकारी बैंकों में 625 पदों पर भर्ती में वित्त विभाग का अड़ंगा। पांच साल में छह भर्ती परीक्षा पेपर लीक के चलते हुए रद्द। इसके बाद भी सुरक्षा के बजाय बजट को प्राथमिकता। सहकारी विभाग ने आईबीपीएस को चुना। वित्त विभाग ने दिया फरमान, दूसरी संस्था से खर्च की करो तुलना। तुलना के इस फेर में आचार संहिता से पहले भर्ती होना दिख रहा मुश्किल।

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625 पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग ने आईबीपीएस को महंगा बताया, सहकारी भर्ती बोर्ड संस्था बदलने को तैयार नहीं

625 पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग ने आईबीपीएस को महंगा बताया, सहकारी भर्ती बोर्ड संस्था बदलने को तैयार नहीं

ओमप्रकाश शर्मा

जयपुर. सहकारी बैंकों में प्रस्तावित 625 पदों भर्ती किससे कराई जाए। इस सवाल के फेर में भर्ती एक साल से अटकी हुई है। पेपर लीक के खतरे को देखते हुए राज्य सहकारी भर्ती बोर्ड ने यह भर्ती आईबीपीएस (बैंङ्क्षकग कार्मिक चयन संस्थान) से कराने का निर्णय किया है। हालांकि वित्त विभाग ने इसका खर्च देख दूसरी संस्थाओं से तुलना करने की राय दे दी। गत सप्ताह हुई बोर्ड की बैठक में तय किया गया है कि पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए भर्ती के लिए आईबीपीएस के अलावा दूसरे विकल्प पर विचार करना ठीक नहीं रहेगा। हालांकि आदेशानुसार एक अन्य संस्था से परीक्षा कराए जाने के खर्च की तुलनात्मक रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजी गई है। फाइल की अब तक की गति को देख आशंका है कि आचार संहिता लगने से पहले भर्ती शुरू नहीं हो सकेगी।

यह भर्ती अपेक्स बैंक (राजस्थान राज्य सहकारी बैंक) व 29 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में होनी है। इनमें एक सीनियर मैनेजर, 84 मैनेजर, 535 बैंङ्क्षकग सहायक व 5 कम्प्यूटर प्रोग्रामरों की भर्ती प्रस्तावित है। भर्ती बोर्ड ने पहले की तरह आईबीपीएस से ही भर्ती कराना का निर्णय किया। आईबीपीएस इसके लिए प्रति अभ्यर्थी साढ़े सात सौ रुपए वसूल करता है। भर्ती बोर्ड यह भुगतान अभ्यर्थियों से लिए जाने वाले परीक्षा शुल्क से करता है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में परीक्षा शुल्क से अभ्यर्थियों को राहत की घोषणा की थी। बजट घोषणा को देखते हुए सहकारी विभाग ने सरकार से पूछा है कि यह घोषणा इस भर्ती पर भी लागू होगी या नहीं। साथ ही यह भी कहा कि घोषणा लागू होती है तो यह खर्च सरकार को वहन करना होगा। परीक्षा खर्च में पन्द्रह करोड़ के खर्च का अनुमान बताया गया।

वित्त विभाग ने जवाब में कह दिया कि आईबीपीएस भर्ती के लिए जो शुल्क ले रहा है उसे देखते हुए दूसरी संस्था पर भी विचार किया जाना चाहिए। मामला फिर राज्य सहकारी भर्ती बोर्ड के पास आया। बोर्ड की बैठक में तय किया गया है कि पेपर लीक के मामलों को देखते हुए इसमें बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। भर्ती के मामले में आईपीबीएस ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। अब निर्णय वित्त विभाग करेगा।

एक साल पहले शुरू हुई प्रक्रिया, 559 से बढ़ कर पद हुए 625

सहकारी बैंकों में भर्ती की प्रक्रिया गत वर्ष शुरू की गई है। उस समय 559 पदों पर भर्ती तय थी। भर्ती में इनती देरी हो गई कि इस वर्ष के पद भी जोडऩा उचित समझा गया। अब पद बढ़ कर 625 हो गए हैं।