
सवाईमाधोपुर. कुतलपुर मालियान गांव के खेत में घूमती बाघिन।
वन विभाग ने ट्रेंकुलाइज कर बाघिन को एन्क्लोजर में छोड़ा
होटल व खेतों में घूम रही थी, लोगों की सूचना पर पहुंची रेस्क्यू टीम
एरोहैड टी-84 की बेटी है बाघिन
सवाईमाधोपुर. लगातार जंगल क्षेत्र से बाहर निकलकर आ रही एवं हमलावर हो रही बाघिन बुधवार को एक बार फिर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र से सटे गांव कुतलपुरा मालियान के खेतों में आ गई। इस दौरान यह आबादी क्षेत्र में घुस गई। इसके साथ ही खेतों और होटल तक में पहुंच गई। बाघिन के आतंक को देखते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने इसकी सूचना वनविभाग को दी। मौके पर पहुंची वनविभाग की रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया। फिलहाल बाघिन के स्वभाव को देखते हुए वनविभाग ने इसे भिड़ नाके में बने एनक्लोजर में रखा है। वर्तमान में हुई घटनाओं को देखते हुए उच्चाधिकारियों से भी इस मामले में मार्गदर्शन मांगा है।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बाघिन एरोहैड टी-84 की बेटी का मूवमेंट जंगल से बाहर नजर आ रहा था। लगातार यह त्रिनेत्र गणेश मार्ग सहित रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से सटे क्षेत्रों में भी बाहर निकलकर आ रही थी। हाल ही हुई त्रिनेत्र गणेश मार्ग पर बच्चे पर हमला सहित जोगी महल के पास रेंजर पर हमले को लेकर भी इसी बाघिन का अंदेशा जताया जा रहा है। ऐसे में विभाग ने इस बाघिन को जंगल में नहीं छोड़कर अपनी देखरेख में रखा है।
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सुबह 6 बजे से खेतों में था बाघिन का मूवमेंट
स्थानीय निवासी जितेंद्र सैनी ने बताया कि बाघिन सुबह करीब 6 बजे सवाईमाधोपुर के कुतलपुरा मालियान गांव में आ गई थी। बाघिन जंगल से निकलकर गांव के आबादी वाले इलाके में आ गई, जिससे यहां डर का माहौल बन गया। बाघिन यहां आबादी वाले इलाके से बाजरे के खेत में जा पहुंची और इसी इलाके में चहलकदमी करने लगी। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना पर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान हो-हल्ला की आवाज सुनकर एक बार तो बाघिन बाजरे के खेत में फसल के बीच जा दुबकी। बाद में रणथम्भौर की एक होटल में जा घुसी। इस दौरान उपवन संरक्षक रामानंद भाकर के निर्देशन में वनविभाग के रेस्क्यू टीम के सदस्य जसकरण मीणा सहित वन विभाग की टीम ने बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया गया।
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इनका कहना है...
रणथम्भौर के जंगल से निकलकर बाघिन एरोहैड की मादा शावक खेतों और होटल की ओर आ गई थी। वनविभाग ने आबादी के बीच में रेस्क्यू करते हुए इसे फिलहाल भिड़ के एनक्लोजर में रखा है। हाल की हमले की घटनाओं को देखते हुए अभी इसे लेकर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है।
Updated on:
14 May 2025 06:20 pm
Published on:
14 May 2025 06:00 pm
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