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हस्तशिल्प में भी थ्रस्ट सेक्टर चुनें, लुप्त कलाओं को मिले प्रोत्साहन

प्रदेश की पहली हैंडीक्राफ्ट नीति पर विशेषज्ञों ने दिए सुझाव, अंतिम प्रस्ताव तैयार करेगा उद्योग विभाग  

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हस्तशिल्प में भी थ्रस्ट सेक्टर चुनें, लुप्त कलाओं को मिले प्रोत्साहन

हस्तशिल्प में भी थ्रस्ट सेक्टर चुनें, लुप्त कलाओं को मिले प्रोत्साहन

जयपुर. प्रदेश के करीब छह लाख से अधिक हस्तशिल्पियों और उनकी कला के प्रोत्साहन के लिए प्रस्तावित सरकार की हस्तशिल्प नीति में इस क्षेत्र के थ्रस्ट सेक्टर को चुना जाना चाहिए। लुप्त हो रहीं प्रदेश की हस्तकलाओं को भी नीति के तहत विशेष प्रोत्साहन के उपाय किए जाने चाहिए।

प्रदेश में अपनी तरह की पहली इस नीति पर हस्तशिल्प क्षेत्र के विशेषज्ञों और संबंधित ख्यातनाम संस्थानों ने ये सुझाव सरकार को दिए हैं। नीति के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए उद्योग विभाग ने हाल ही बैठक आयोजित कर विशेषज्ञ सुझाव मांगे थे। इसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन, भारतीय शिल्प संस्थान समेत खादी और हस्तशिल्प से जुड़े सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने अपने विचार रखे। राजस्थान पत्रिका ने हाल ही समाचार प्रकाशित कर सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया था कि नीति का मसौदा दो माह पहले बन गया था, लेकिन उसके बाद कोरोना के चलते अंतिम मसौदा नहीं बना पाया। इसके बाद उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में नीति पर विचार के लिए बैठक बुलाई गई।

सूत्रों के अनुसार बैठक में विशेषज्ञों ने प्रदेश की हस्तशिल्प और इससे जुड़े कलाकारों का सटीक डेटा बैंक बनाने की आवश्यकता भी जताई। उनका कहना था कि सही डेटा नहीं होने के कारण इनके कल्याण के लिए बनने वाली योजनाओं पर भी असर पड़ेगा। इसलिए इस डेटा को अद्यतन करने की महती आवश्यकता है। विभाग इन सुझावों में से आवश्यक बिन्दुओं को जोड़ कर अब अंतिम तौर पर नीति का प्रस्ताव तैयार करेगा, जिसे सरकार की मंजूरी के बाद जारी किया जाएगा।