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बिना पदोन्नति हो रहे रिटायर

पहले सेवा नियमों में तकनीकी खामी के कारण 25 साल से प्रमोशन नहीं मिला। फिर सरकार ने चार माह पूर्व सेवा नियम बदले, गजट नोटिफिकेशन भी हुआ लेकिन फिर भी प्रदेश के शिक्षा विभाग में कार्यरत पुस्तकालयाध्यक्षों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाया है।

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जयपुर

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Rakhi Hajela

Jan 01, 2022

बिना पदोन्नति हो रहे रिटायर

बिना पदोन्नति हो रहे रिटायर

25 साल से पदोन्नति का इंतजार
बिना पदोन्नति हो रहे रिटायर
जयपुर।
पहले सेवा नियमों में तकनीकी खामी के कारण 25 साल से प्रमोशन नहीं मिला। फिर सरकार ने चार माह पूर्व सेवा नियम बदले, गजट नोटिफिकेशन भी हुआ लेकिन फिर भी प्रदेश के शिक्षा विभाग में कार्यरत पुस्तकालयाध्यक्षों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाया है। नतीजा पुस्तकालयाध्यक्ष पदोन्नति का लाभ लिए बिना ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
कितनी ही बार जाहिर कर चुके हैं पीड़ा
शिक्षा विभाग में कार्यरत 1500 पुस्तकालयाध्यक्ष पदोन्नति की मांग को लेकर कितनी ही बार अपनी पीड़ा जाहिर कर चुके हैं। पुस्तकालय संघ राजस्थान के बैनर तले यह कई बार शिक्षा निदेशालय, सचिवालय चक्कर काट चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। उनका कहना था कि इस संवर्ग का संख्या बल में कम होने के चलते हमेशा इस संवर्ग की उपेक्षा की गई है।
विभागीय स्तर पर अटका है मामला
सूत्रों के मुताबिक पुस्तकालयाध्यक्षों की पदोन्नति प्रक्रिया को केबिनेट की मंजूरी मिल गई है, लेकिन विभागीय स्तर पर इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं हो रही। ना तो अब तक वरिष्ठता सूची जारी करने का कोई आदेश आया है और ना ही इस मामले में कार्यवाही आगे बढ़ पाई है। इन पुस्तकालयाध्यक्षों का कहना है कि पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू होने पर द्वितीय श्रेणी में पदोन्नति के साथ भर्ती के रास्ते भी खुलेंगे।
यह है पुस्तकालयाध्यक्षों की भर्ती का हाल
पुस्तकालयाध्यक्षों की आखिरी भर्ती भी 1998 के बाद वर्ष 2017 में की गई थी। जिसमें कर्मचारी आयोग ने परीक्षा के माध्यम से 562 पदों पर पुस्तकालयाध्यक्षों को ग्रेड थर्ड पर नियुक्ति दी। इसके बाद 700 ग्रेड थर्ड के पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए परीक्षा तिथि घोषित की गई। परीक्षा तिथि दो बार घोषित की गई लेकिन परीक्षा स्थगित कर दी गई। फिर दिसंबर 2019 में भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया लेकिन पेपर आउट होने के बाद पूरी परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया। इसके बाद कुछ समय पूर्व ही इनकी परीक्षा आयोजित की गई है।
प्रदेश में पुस्तकालयाध्यक्षों की स्थिति
प्रथम श्रेणी
कुल पद: 41
कार्यरत :1
खाली: 40
द्वितीय श्रेणी
कुल पद : 1221
कार्यरत : 396
रिक्त :825
तृतीय श्रेणी
कुल पद: 3035
कार्यरत : 2204
रिक्त पद : 8317
इनका कहना है,
प्रदेश के लगभग 1500 पुस्तकालयाध्यक्षों को 25 साल से पदोन्नति का इतंजार है। पहले सेवा नियमों में खामी बताकर पदोन्नति को रोका गया था। फिर सरकार ने सेवा नियम भी बदले लेकिन पदोन्नति की प्रक्रिया फिर भी शुरू नहीं हुई है। पदोन्नति नहीं होने की वजह तृतीय श्रेणी का पुस्तकालयाध्यक्ष उसी पद से सेवानिवृत्त हो रहा है जबकि अन्य संवर्ग डिप्टी डायरेक्टर तक पहुंच जाते हैं। पुस्तकालय संघ विभिन्न स्तरों पर ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा सरकार के समक्ष रख चुका है। अब सरकार से उम्मीद है कि इस साल पुस्तकालयाध्यक्षों को पदोन्नति का तोहफा देगी।
कमल कनावरिया,प्रदेशाध्यक्ष
पुस्तकालय संघ राजस्थान