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गहलोत राज के अंतिम 6 माह के निर्णयों की समीक्षा फिर टली, 2 माह बढ़ाया मंत्रियों ने समिति का कार्यकाल

मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने विभागों से दो माह में अपने स्तर पर रिव्यू कर ब्यौरा भेजने को कहा है। मंत्रियों की उपसमिति ने अपनी समय सीमा दो माह और बढ़ाने का निर्णय किया है।

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ashok gehlot

Photo- Patrika Network

कांग्रेस सरकार के समय अंतिम छह माह में मंत्रिमंडल के निर्णयों की समीक्षा की समय सीमा समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही। मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने विभागों से दो माह में अपने स्तर पर रिव्यू कर ब्यौरा भेजने को कहा है। मंत्रियों की उपसमिति ने अपनी समय सीमा दो माह और बढ़ाने का निर्णय किया है।

मंत्रिमंडलीय उपसमिति की मंगलवार को सचिवालय में गहलोत राज के आखिरी छह माह के निर्णयों की समीक्षा के लिए बैठक की। उपसमिति ने जमीन आवंटन के लिए लीज जमा नहीं कराने वालों से सम्बन्धित प्रकरणों का ब्यौरा तैयार करने को कहा। उपसमिति के अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि हमने विभागों को मामले भेज दिए हैं, जिन पर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद फैसला लिया जाएगा।

रिपोर्ट आने के बाद भेजी जाएगी सिफारिश

विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, जमीन आवंटन से जुड़े कई बड़े मामलों की समीक्षा की है। जिन मामलों में लीज जमा करवाकर कब्जा ले लिया है, उनका अलग ब्यौरा तैयार करने को कहा गया है और जहां कब्जा नहीं लिया गया है उनका अलग ब्यौरा तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट आने के बाद समिति सिफारिश भेजेगी।