
चावलों में बंपर तेजी के बाद अब गिरावट का सिलसिला
बिकवाली का दबाव बनने से बासमती चावल में एक बार फिर मंदी का रुख देखा जा रहा है। हालांकि पूर्व में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश की मंडियों में बासमती धान की प्रतिस्पर्धात्मक लिवाली के चलते जोरदार तेजी आ गई थी। पिछले माह बेमौसम की बारिश होने से बासमती धान को नुकसान होने की खबरें मिल रही थी। स्थानीय सूरजपोल मंडी स्थित जगदीश नारायण रतनलाल सिंघल एंड संस के मनोज सिंघल ने बताया कि करीब 95 फीसदी राइस मिलों में प्रॉडक्शन बढ़ने से बासमती चावल के भावों में फिलहाल गिरावट दर्ज की गई है। जयपुर मंडी में बासमती 1121 चावल 8800 रुपए तथा बासमती 1401 चावल की कीमतें 7800 रुपए प्रति क्विंटल पर 400 रुपए टूट गई हैं। गौरतलब है कि धान की आपूर्ति में कमी होने पर उत्तर प्रदेश में स्टॉकिस्ट एवं राइस मिल वाले दोनों एक साथ खरीद करने लगे, जिससे बाजार काफी उछल गए थे।
आवक बढ़ने से राइस मिलें घटाकर बेचने लगी
इस बीच निर्यातकों के माल भी बंदरगाहों से लेकर दिल्ली एवं एनसीआर के गोदामों में स्टॉक् हो चुके हैं। उधर, कच्ची मंडियों के कारोबारी भी धान एवं चावल दोनों की लगातार खरीद करते गए हैं। परिणामस्वरूप आगे चलकर बासमती चावल का बाजार टूट भी सकता है। सिंघल ने कहा कि धान के ऊंचे भावों के बावजूद आवक बढ़ने से राइस मिलें घटाकर बेचने लगी हैं। मंडियों में भी मुनाफावसूली की बिकवाली आने लगी है। बासमती धान 1121 की आवक इस बार 20 से 25 दिन लेट होने से पिछले दिनों अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। मगर वर्तमान में सभी मंडियों में धान की आवक ज्यादा होने की संभावना दिखाई दे रही है। लिहाजा फिलहाल बाजार नरम ही बना रहने की संभावना है।
Published on:
26 Nov 2022 10:55 am
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