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रिंग रोड की तर्ज पर बने रिंग रेलवे… जंक्शन पर घटेगा भार, राहें होंगी सुगम

- दिल्ली की तरह शुरू हो लोकल ट्रेनों का संचालन, रेलयात्री व आमजन को भी मिलेगी राहत - राजधानी में आठ रेलवे स्टेशन... आपस में जोड़ने की जरूरत

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जयपुर

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GAURAV JAIN

Feb 08, 2024

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केंद्र सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर यात्री सुविधाओं में विस्तार कर रही है। इसके बाद भी जयपुर जंक्शन पर बढ़ रहा यात्री भार परेशानी का सबब बना हुआ है। रेलवे विशेषज्ञों की मानें तो जयपुर को रिंग रेलवे की अत्यंत जरूरत है। इससे जंक्शन पर यात्री भार के साथ ही शहर की सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो जाएगी। राजधानी का यातायात भी सुगम हो जाएगा।
दरअसल, राजधानी जयपुर में जंक्शन समेत कुल आठ रेलवे स्टेशन हैं। इन स्टेशनों से प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही होती है और 200 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं। हैरानी की बात है कि जयपुर जंक्शन, दुर्गापुरा, गैटोर जगतपुरा और गांधीनगर स्टेशन पर काफी संख्या में ट्रेनों का ठहराव होता है, लेकिन सांगानेर, ढेहर के बालाजी स्टेशन, कनकपुरा और खातीपुरा रेलवे स्टेशन पर नाममात्र ट्रेनें ठहरती हैं। इस कारण मालवीय नगर, सांगानेर, वैशाली नगर, झोटवाड़ा, मानसरोवर, टोंक रोड समेत घनी आबादी वाले इलाकों में रहने वाले ज्यादातर लोग नजदीकी रेलवे स्टेशन की बजाय जयपुर जंक्शन से ही सफर करने को मजबूर हैं। कारण कि इन स्टेशनों का आपस में जुड़ाव नहीं है। लोकल रेल कनेक्टिविटी के अभाव में रोजाना हजारों लोगों को अपने वाहनों से जंक्शन आना पड़ रहा है। इस वजह से जयपुर जंक्शन पर यात्री भार और शहर की सड़कों पर दबाव बढ़ रहा है।

रिंग रोड की तरह बिछाई जाए रेल लाइन
रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े शहरों में ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए रिंग रोड बनाई जाती है। इसी तर्ज पर राजधानी में रिंग रोड की तरह रेल लाइन बिछाई जाए। साथ ही रेल ट्रैक का विस्तार कर शहर के बाहरी हिस्सों को भी जोड़ा जाए। इससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी और नौकरीपेशा, स्टूडेंट्स, पर्यटकों को फायदा होगा।


यों मिलेगा फायदा
सड़कों से ट्रैफिक कम करने और यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तर रेलवे ने दिल्ली में 35 किलोमीटर लंबा गोल ट्रैक बनाया। रिंग रेलवे के तहत ट्रेनें निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से चलकर पूरी दिल्ली का चक्कर लगाती हैं और फिर वहीं पहुंच जाती हैं। रिंग रेल का किराया सामान्य है। इससे लोगों की जेब पर भार भी नहीं पड़ता। इसी तरह दिल्ली के रिंग रेलवे के तहत जयपुर के आठों रेलवे स्टेशन को जोड़ा जा सकता है और इन पर लोकल ट्रेनें संचालित की जा सकती हैं।