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राजस्थान में ई-मित्रों के खिलाफ एक्शन लेगा RPSC, बिना योग्यता वाले आवेदनों की संख्या बढ़ने पर उठाया कदम

आरपीएससी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि कई ई-मित्र संचालक अभ्यर्थियों को गलत जानकारी देकर ऐसी भर्तियों के आवेदन भी भरवाते हैं, जिनकी पात्रता अथवा योग्यता नहीं होती है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- पत्रिका वेबसाइट)

राजस्थान में अभ्यर्थियों को भ्रमित कर अनावश्यक फार्म भरने वाले ई-मित्रों के खिलाफ अब राजस्थान लोक सेवा आयोग कार्रवाई करेगा। ऐसे ई-मित्र संचालकों के लाइसेंस निरस्त कराने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को पत्र लिखा जाएगा। सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि कई ई-मित्र संचालक अभ्यर्थियों को गलत जानकारी देकर ऐसी भर्तियों के आवेदन भी भरवाते हैं, जिनकी पात्रता अथवा योग्यता नहीं होती है।

अभ्यर्थियों को भी संबंधित भर्ती की वांछित पात्रता-योग्यता की जानकारी नहीं होती है। ऐसे ई-मित्र संचालक अभ्यर्थियों को भ्रमित कर फार्म भरने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ अभ्यर्थियों से आर्थिक फायदा लेना होता है, जबकि अभ्यर्थियों को संबंधित पदों के लिए योग्यता वाली भर्तियों के लिए ही आवेदन करना चाहिए।

खुद भर देते हैं फॉर्म

कई ई-मित्र संचालक अभ्यर्थियों को आरपीएससी की भर्तियों का विज्ञापन जारी होना बताकर खुद ही फॉर्म भरते हैं। ऐसे में पद की योग्यता नहीं रखने वाले अभ्यर्थियों के फॉर्म भरे जाते हैं। ऐसे आवेदनों की संख्या कई मामलों में 5 से 10 हजार तक पहुंच जाती है।

इन भर्तियों में अधिक होते हैं फिजूल आवेदन

डिप्टी कमांडेंट भर्ती

सहायक मत्स्य विकास अधिकारी भर्ती

समूह अनुदेशक/ सर्वेयर/ सहायक शिक्षुता सलाहकार भर्ती

तकनीकी सहायक भू-भौतिकी भर्ती

बायोकेमिस्ट भर्ती

कनिष्ठ रसायनज्ञ भर्ती

सहायक परीक्षण अधिकारी भर्ती

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