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केंद्र सरकार ने गरीबी व अन्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बंद किया दो हजार का नोट: खाचरियावास

केंद्र सरकार की ओर से दो हजार रुपए के नोट बंद करने के मामले में कांग्रेस सरकार हमलावर हो गई है।

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जयपुर। केंद्र सरकार की ओर से दो हजार रुपए के नोट बंद करने के मामले में कांग्रेस सरकार हमलावर हो गई है। खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुददो से ध्यान हटाने के लिये 2000 रूपये का नोट बंद करके पूरी दुनिया में भारत की साख खत्म कर दी। मात्र साढ़े छः वर्ष पहले 8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 रूपये के नोट बंद करके कालाधन लाने और मात्र 50 दिन में पूरे देश के हालात सुधारने का वादा किया था।

उस वक्त प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि पूरा देश परेशान है, लाईनों में खड़ा है, बैंकों के बाहर खडे लगभग 200 लोगों की मौत हो गई थी, उस वक्त जो वादे किए, वो फेल हो गए। 500 और 1000 के खुद के नोट बदलवाने के लिये कई गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार लाईनों में खडे रहे। लोगों की शादियां फेल हो गई, अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। पहले की गई नोटबंदी से इन साढे छः वर्षों में कुछ नहीं मिला। महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। जनता की सुनने वाला कोई नहीं है। आज जनता में चर्चा है, पूरी दुनिया हंस रही है कि 1000 और 500 के नोट बंद करने से किसको क्या मिला और अब जो 2000 रूपये का नोट भाजपा लेकर आई, उसको बंद क्यों किया जा रहा है।

भारत की करेंसी पर दुनिया शक करती है, रोज आपके यहां नोट बदले जाते हैं, इसलिये भारत का नोट नहीं लिया जाएगा। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख खराब हो गई, नए नोट छापने के लिये साढे छः वर्ष पहले 50 हजार करोड़ रूपये खर्च किये गए। इससे स्पष्ट हो गया है कि पहले जो नोटबंदी की गई थी, वो पूरी तरह से गलत थी, पूरे देश की जनता से 15 लाख और अच्छे दिन का वायदा किया था, किसी को 15 लाख और अच्छे दिन नहीं मिले, अब बिना सोचे समझे अचानक 2000 रूपये का नोट बंद करना, गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के घावों पर नमक छिड़कने के समान है, जो लाख दो लाख रूपये अपने घर पर जमा करता है, शादी-ब्याह के लिये जमा करता है। उसे फिर लाईनों में खड़ा कर दिया जायेगा। केन्द्र की भाजपा सरकार अपनी असफलताओं से ध्यान हटाने के लिये इतना गलत निर्णय कर रही है, यह पाप है। ऐसा कभी नहीं हुआ जब महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने का वक्त था तब 2000 रूपये का नोट बंद करके महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी बढाने का केन्द्र सरकार का निर्णय देश को बर्बाद कर देगा और भारत की करेंसी पर अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में कोई भरोसा नहीं करेगा।